स्वयं को खुश रखने की जिम्मेदारी अपनी ही ः डॉ. मोहना कुलकर्णी
जी.एच.रायसोनी विद्यापीठ में ‘हॅपीनेस एंड मेंटल हेल्थ’ पर व्याख्यान
अमरावती/दि.2- हमें खुश रहने के लिए दूसरे ने कुछ करना चाहिए, यह उम्मीद निरर्थक है. सुखी व निरामय जीवन का रहस्य यहीं है कि स्वयं को खुश रखने की जिम्मेदारी अपनी ही होती है. ऐसा कानमंत्र सुप्रसिद्ध समुपदेशक डॉ. मोहना कुलकर्णी ने दिया. जी.एच. रायसोनी विद्यापीठ में आयोजित हॅपीनेस एंड मेंटल हेल्थ विषय पर उन्होेंने विद्यार्थियों से संवाद साधा.
विद्यापीठ के हॅपीनेस एंड काइंडनेस क्लब की ओर से यह कार्यक्रम आयोजित किया गया था. उन्होंने डेढ़ घंटे तक विद्यार्थियों से संवाद साधा. कुलगुरु डॉ. विनायक कुलकर्णी की अध्यक्षता में आयोजित कार्यक्रम में रजिस्ट्रार प्रो. स्नेहिल जयस्वाल, परीक्षा नियंत्रक प्रो. नितिन मांडवगडे व जनसंपर्क अधिकारी नितिन भट मंचासीन थे. मानसिक स्वास्थ्य एवं आनंद विषय के अगणित पहलू डॉ. कुलकर्णी ने उपस्थितों के सामने प्रस्तुत किये.
इस समय विद्यार्थियों ने उपस्थित किये प्रश्नों के उत्तर डॉ. मोहना कुलकर्णी ने दिये, अध्यक्षीय भाषण में डॉ. देशपांडे ने कहा कि अपनी समस्या व दिक्कतें करीब के व्यक्ति को खुुलकर बताना, यह मानसिक स्वास्थ्य उत्तम रखने का उपयुक्त मार्ग है. दिल को खुश रखने वाले छंद का जतन करने की सलाह भी उन्होंने विद्यार्थियों को दी. प्रो. स्नेहिल जयस्वाल ने अपने भाषण से मोहना कुलकर्णी के उदबोधन की प्रशंसा की.
कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन,सरस्वती पूजन व विद्यापीठ गीत से की गई. कार्यक्रम का संचालन व आभार प्रदर्शन वैष्णवी सालवे ने किया. समन्वयक के रुप में प्रो. अभया भोपले एवं प्रो. भावना कालबांडे ने जिम्मेदारी संभाली. इस अवसर पर स्टूडंट क्लब के प्रमुख प्रो. विशाल सपाटे सहित विविध विभागों के प्रमुख, प्राध्यापक एवं विद्यार्थी बड़ी संख्या में सहभागी हुए थे. राष्ट्रगीत से कार्यक्रम का समापन हुआ.