अमरावती

महानगरपालिका में एक ही अधिकारी पर दो पदों की जिम्मेदारी

प्रभारियों के भरोसे चल रहा कामकाज

* काम का बोझ बढने से अधिकारी त्रस्त
अमरावती/दि.29-अमरावती महानगरपालिका में कई पद रिक्त रहने से प्रभारियों के भरोसे कामकाज चल रहा है. एक अधिकारी पर दो पदों की जिम्मेदारी आने से काम का बोझ बढ रहा है, जिसके कारण अधिकारी त्रस्त हो रहे है, तथा नागरिकों की समस्या बढ रही है. दो पद की जिम्मेदारी एक अधिकारी पर आने से उन्हें किसी एक पद को न्याय देना संभव नहीं होता. अतिरिक्त आयुक्त के पास प्रभारी आयुक्त पद की, मुख्य परीक्षक के पास मुख्य लेखाधिकारी पद, एडीटीपी तथा प्रतिनियुक्ति के अधिकारियों समेत 17 विभागों के प्रमुख प्रीाारी है. मनपा का आस्थापना का र्ख 71 प्रतिशत तक बढने से नई पदभर्ती पर रोक लगी. वहीं दूसरी ओर जो पद आस्थापना पर मंजूर है, वह पद भरे नहीं गए. कई कर्मचारी व अधिकारी सेवानिवृत्त हो रहे है. तथा कई पद पदोन्नति के रहने पर सदोष सेवा वरियता सूची के कारण यह प्रक्रिया लंबित है. इसलिए अनेक कनिष्ठ, वरिष्ठ लिपिकों को अधीक्षक पद की जिम्मेदारी दी गई है.

मनपा को सहायक आयुक्त नहीं
सांख्यिकी अधिकारी योगेश पिठे, जनसंपर्क अधिकारी भूषण पुसतकर, उपअभियंता तौसिफ काझी, सहायक अभियंता नंदकिशोर तिखिले, समाज विकास अधिकारी धनंजय शिंदे को सहायक आयुक्त पद की अतिरिक्त जिम्मेदारी दी गई है. क्योंकि विगत अनेक वर्षों से सरकार ने मनपा को सहायक आयुक्त दिया ही नहीं.

करमूल्य निर्धारण अधिकारी कई वर्षों से प्रभारी
पांचो करमूल्य निर्धारण अधिकारी अनेक वर्षों से प्रभारी है. लोकनिर्माण विभाग के उपअभियंता रवींद्र पवार को कभी शहर अभियंता तो कभी कार्यकारी अभियंता पद की जिम्मेदारी सौंपी जाती है. फिलहाल वे प्रभारी कार्यकारी अभियंता है. उपअभियंता सुहास चव्हाण पर इमारत ढहने के मामले में मामला दर्ज रहने से उनके पास से कार्यकारी अभियंता-2 इस पद की जिम्मेदारी हटाई गई है. अब यह जिम्मेदारी रवींद्र पवार को दी गई है.

 

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