प्रतिनिधि/दि.७
अमरावती – विगत लंबे समय से अमरावती व बडनेरा बस स्थानकों से रापनि की सरकारी बस सेवाओं का परिचालन बंद था. जिसे गुरूवार ६ अगस्त से शुरू किया गया और यहां से रापनि की २२ बसों को यात्रियों के लिए तैयार रखते हुए जिला अंतर्गत मार्गों पर ७६ फेरियां चलायी गयी. जिसके जरिये रापनि को एक दिन के दौरान मात्र ३२ हजार ६७६ रूपयों की आय हुई. कोरोना के चलते पर्याप्त संख्या में यात्री नहीं मिलने की वजह से राज्य परिवहन निगम को काफी नुकसान का सामना करना पड रहा है. बता दें कि, राज्य सहित जिले में २२ मार्च से २० मई तक संपूर्ण लॉकडाउन रहने के चलते एसटी बस सेवा पूरी तरह से बंद थी और राज्य सरकार के आदेश पश्चात राज्य परिवहन मंडल ने २२ मई से रेड झोन में शामिल रहनेवाले अमरावती व बडनेरा शहर के बस स्थानकों को छोडकर जिले की अन्य तहसीलों के बीच बस सेवा शुरू की थी. किंतु तहसील अंतर्गत शुरू की गई इस बस सेवा के दौरान भी रापनि की बसों को पर्याप्त संख्या में यात्री प्राप्त नहीं हुए और २२ मई से ५ अगस्त के दौरान रापनि को केवल १५ लाख रूपयों की आय हुई. ज्ञात रहे कि, कोरोना के खतरे को देखते हुए हर एक बस में अधिकतम २२ यात्रियों को ही ले जाने का निर्देश दिया गया है. किंतु कई बसों में इतने यात्री भी नहीं मिल रहे. वहीं दूसरी ओर अमरावती व बडनेरा बस स्थानकों से जिलांतर्गत बस सेवा शुरू करने का आदेश जिलाधीश कार्यालय द्वारा विगत ५ अगस्त को जारी किये जाते ही अमरावती व बडनेरा बस स्थानक से रापनि की बसों को यात्रियों की सेवा में तैनात किया गया. जिसके तहत अमरावती बस स्थानक से चांदूर बाजार व धामणगांव के लिए ४ फेरियां चलायी गयी. वहीं कुर्हा के लिए एक बस को तैयार रखा गया, लेकिन इस बस के लिए एक भी यात्री नहीं मिलने की वजह से इसे रद्द कर दिया गया. जिसके चलते अमरावती बस स्थानक से दिनभर के दौरान केवल ४ फेरियां चलायी गयी. वहीं समूचे जिले में रापनि बसों की कुल ७६ फेरियां हुई. जिसके जरिये ३२ हजार ६७६ रूपयों की आय हुई. इस संदर्भ में मिली जानकारी के मुताबिक सामान्य परिस्थिति में अमरावती जिले में राज्य परिवहन निगम को रोजाना ४० लाख रूपयों की आय हुआ करती थी और यहां से विभिन्न जिलों के लिए लंबी दूरी की गाडियां भी छूटा करती थी. किंतु कोरोना संक्रमण का खतरा शुरू होते ही पहले तो रापनि बसों का परिचालन पूरी तरह से बंद कर दिया गया. वहीं लॉकडाउन के बाद बसों के परिचालन को छूट देते समय नियम लागू किया गया कि, एक बस में ३२ से अधिक यात्री नहीं होंगे और बसों का किराया भी नहीं बढाया जायेगा. वहीं दूसरी ओर रापनि द्वारा शुरू की गई बसों को पर्याप्त संख्या में यात्री भी नहीं मिल रहे. ऐसे में रापनि को बसों का परिचालन शुरू करने के बावजूद भी अब तक अपेक्षित आय मिलना शुरू नहीं हुई है.