विदेशी स्थलांतरित पक्षियों से स्थानीय पक्षियों को ‘बर्ड फ्ल्यू’ का खतरा
अमरावती/दि.9 – पुणे के भिगवन उजनी जलाशय पर विदेशी स्थलांतरित पक्षी चिमनशेंद्रा तथा चंद्रपुर के मूल तालाब पर स्थानीय पनकौवा मृत पाये गये थे. जिसके बाद से ही विदेशी पक्षियों की वजह से जलाशय पर जलविहार करनेवाले स्थानीय पक्षियों पर ‘बर्ड फ्ल्यू’ का खतरा मंडराता कहा जा रहा है.
केंद्रीय पर्यावरण वन एवं मौसम विभाग द्वारा विगत 3 जनवरी को जारी पत्र के अनुसार मृत पक्षियों के सैम्पल में एच-5, एन-1 तथा एवीएन इंफ्लूएंझा के वायरस पाये गये है. ऐसे में विदेशी पक्षियों की वजह से स्थानीय पक्षियों में भी ‘बर्ड फ्ल्यू’ का संक्रमण पाये जाने का खतरा हो सकता है. इस बात के मद्देनजर गुरूवार को पशु वैद्यकीय अधिकारी द्वारा विभाग प्रमुखों की बैठक लेकर आवश्यक उपाययोजनाओं के संदर्भ में जरूरी दिशानिर्देश दिये.
ज्ञात रहे कि, अमरावती शहर एवं आसपास के इलाकों में 23 जलाशय है. वहीं सूमचे जिले में कुल 57 जलाशय है. जहां पर इन दिनों मंगोलिया, चीन, यूरोप व तिब्बत आदि देशों से पक्षी आये हुए है. जिनमें पद्मकदम, चक्रवाक, नकटा बदक, थापट्या बदक, चक्रांग, लालपरी, राजहंस, करकोचा, पानकौवा, काला ढोक, सुंदरबटवा, चिमन शेंद्रा व चम्मच चोचा जैसे पक्षियों का समावेश है. इन विदेशी पक्षियों का जिले के तालाबों पर करीब तीन से चार माह तक विचरण रहता है. विदेशी स्थलांतरित पक्षियों में ‘बर्ड फ्ल्यू’ का संक्रमण पाये जाने के चलते जिले में स्वास्थ्य व सुरक्षा की दृष्टि से सभी 14 तहसीलों में रैपीड एक्शन फोर्स गठित किया गया है.
अब तक कुक्कुट पालन व्यवसाय करनेवाली पोल्ट्री में रखे गये पक्षियों तक ‘बर्ड फ्ल्यू’ का संक्रमण अपनी पहुंच नहीं बना पाया है. इस आशय की जानकारी देते हुए जिला पशु वैद्यकीय अधिकारी विजय रहाटे ने बताया कि, कही पर भी विदेशी पक्षी मृत पाये जाने पर उसके सैम्पल जांच हेतु प्रयोगशाला में भिजवाये जाते है. साथ ही कुक्कुट पालन करनेवाले पोल्ट्री व्यवसायियों को तमाम आवश्यक दिशानिर्देश दिये जा चुके है.
- विदेशी स्थलांतरित मृत पक्षियों में ‘बर्ड फ्ल्यू’ के लक्षण पाये जाने की खबर मिली है. किंतु जिले में अब तक ऐसा एक भी मामला सामने नहीं आया है. बावजूद इसके जलाशयों का दौरा करते समय वन कर्मचारियों एवं पक्षी मित्रों ने तमाम आवश्यक सावधानी बरतनी चाहिए.
– जयंत वडतकर,
पक्षी अभ्यासक - यदि किसी मृत पक्षी के सैम्पल में एच-5, एन-1, एवीएन इंफ्ल्यूएंझा पाये जाने के बाद उस मृत पक्षी के शव का बडी सावधानी के साथ निस्सारण करना होगा. जिसके संदर्भ में केंद्र सरकार की ओर से गाईडलाईन जारी की गई है. ऐसे में अब सतर्कता व सुरक्षा को पहली प्राथमिकता देनी होगी.
– यादव तरटे पाटिल,
पक्षीमित्र