कोविड मुक्त हुए बच्चों में ‘एमएसआयसी’ बीमारी का खतरा
दूसरी लहर से छूटने के बाद अब एक नया संकट
अमरावती/प्रतिनिधि दि.२५ – कोविड संक्रमण की दूसरी लहर के दौरान कोविड संक्रमित होने के बाद कोविड मुक्त हो चुके बच्चों में मल्टी सिस्टीम इन्फ्लेमेटरी सिंड्रोम यानी एमएसआयसी नामक पोस्ट कोविड बीमारी की तकलीफ बढने के कई मामले सामने आये है. ऐसे में इस बीमारी के लक्षणों की ओर तुरंत ध्यान देते हुए समय रहते इसके लिए आवश्यक उपाययोजना करना बेहद जरूरी है. किंतु बावजूद इसके फिलहाल स्वास्थ्य विभाग द्वारा इसे लेकर कोई कदम नहीं उठाये जा रहे.
बता दें कि, कोविड संक्रमण की पहली व दूसरी लहर के दौरान विगत मई माह के अंत तक दस वर्ष से कम आयुवाले 2 हजार 326 बच्चे इस संक्रमण की चपेट में आ चुके थे. अभी दूसरी लहर का खतरा पूरी तरह से खत्म भी नहीं हुआ है और राज्य के स्वास्थ्य विभाग द्वारा तीसरी लहर आने का खतरा जताया जा चुका है. इसमें भी यह कहा गया है कि, कोविड संक्रमण की तीसरी लहर छोटे बच्चों के लिए काफी खतरनाक साबित हो सकती है और तीसरी लहर के दौरान बडी संख्या में छोटे बच्चे कोविड संक्रमित पाये जा सकते है. जिसकी वजह से अभिभावकों में पहले ही अपने बच्चों को लेकर काफी भय व चिंता का माहौल है. वहीं दूसरी ओर अब यह जानकारी सामने आ रही है कि, इससे पहले कोविड संक्रमण की चपेट में आ चुके और इलाज के बाद कोविड मुक्त हो चुके छोटे बच्चों में पोस्ट कोविड काल के दौरान एमएसआयसी नामक बीमारी का खतरा देखा जा रहा है. हालांकि स्थानीय मनपा व जिला परिषद स्वास्थ्य महकमे का कहना है कि, अब तक अमरावती शहर सहित जिले में एमएसआयसी से पीडित कोई बच्चा नहीं पाया गया है.
ज्ञात रहें कि, इसी सप्ताह के दौरान अमरावती मनपा में बच्चों को होनेवाली बीमारियों को लेकर एक कार्यशाला आयोजीत की गई थी. जिसमें बडी संख्या में स्थानीय बालरोग विशेषज्ञ उपस्थित थे और इस कार्यशाला के दौरान छोटे बच्चों में होनेवाली बीमारियों के लक्षण व उपायों सहित आवश्यक सतर्कता को लेकर विचार-विमश किया गया. इस कार्यशाला में बताया गया कि, इस बीमारी की वजह से बच्चों को तेज बुखार आता है. साथ ही यह बीमारी उनके हृदय, फेफडों व मस्तिष्क जैसे महत्वपूर्ण भीतरी अंगों को संक्रमित करती है. छोटे बच्चों में यदि लगातार पांच दिनों तक बुखार, पेट दर्द तथा रक्तदाब में कमी की शिकायत पायी जाती है, तो तुरंत ही डॉक्टर को दिखाना बेहद जरूरी है. इस दौरान यह जानकारी भी सामने आयी है कि, अमरावती शहर सहित जिले में इस समय तक ‘एमएसआयसी’ नामक बीमारी के लिए किसी तरह का कोई सर्वेक्षण शुरू नहीं है.
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2336 बच्चे कोविड संक्रमित
जिले में मई माह के अंत तक 0 से 10 आयुवर्ग के 2 हजार 336 बच्चे कोविड संक्रमित हुए. इसके अलावा 11 से 18 वर्ष आयुगुट में भी 2 हजार 306 संक्रमित पाये गये. कोविड संक्रमण की संभावित तीसरी लहर में छोटे बच्चों के लिए काफी अधिक खतरे का अंदेशा जताया गया है. ऐसे में इस खतरे की आशंका को देखते हुए सुपर कोविड अस्पताल में 60 तथा सभी डीसीएच में 10-10 बेड छोटे बच्चों हेतु आरक्षित किये गये है.
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ये सावधानियां है जरूरी
– सभी छोटे बच्चों को बाहर ले जाते समय उनके मुंह व नाक को मास्क से ढांकना बेहद जरूरी है.
– बच्चों में लगातार बुखार व पेटदर्द की शिकायत रहने पर बिना समय गंवाये तुरंत डॉक्टरों को दिखाया जाना चाहिए.
– जो बच्चे इससे पहले कोविड संक्रमण की चपेट में आ चुके है, उनका विशेष तौर पर ध्यान रखा जाना चाहिए.
– जी मचलाना, उलटी होना, आंखों का लाल होना आदि लक्षण दिखाई देने पर तुरंत डॉक्टरों से मुलाकात करते हुए बच्चों की स्वास्थ्य जांच की जानी चाहिए.
– कोविड मुक्त हुए बच्चों के स्वास्थ्य की ओर ध्यान देते हुए उनके स्वास्थ्य में होनेवाले परिवर्तन की ओर गंभीरतापूर्वक ध्यान दिया जाना चाहिए.
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एमएसआयसी – ऐसे होते है लक्षण
– बच्चों को तेज बुखार आना और बुखार का पांच दिनों तक कम न होना.
– बच्चों की आंखे लाल होना.
– त्वचा पर खुजली के निशान पडना, जी मचलाना व उलटीया होना. लगातार पेट दर्द की शिकायत रहना.