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20 साल बाद खुली चमननगर रिंगरोड की राह

चमननगरवासियों के पुनर्वसन को सीएम देवेंद्र फडणवीस ने दी मंजूरी

* सरकार ने जारी किया जीआर, 46 झोपडपट्टी धारकों का होगा पुनर्वसन
* विधायक राणा के प्रयास सफल
अमरावती/दि.28 – नागपुर रोड स्थित टोल नाका के पास से बडनेरा शहर के जुनी बस्ती चमननगर रिंगरोड का काम चमननगर के 46 परिवार के पुनर्वसन के अभाव में अटका पडा था. अब 20 साल बाद इस रिंग रोड की राह खुल गई है. राज्य के मुख्यंमत्री देवेंद्र फडणवीस ने विधायक रवि राणा के अथक प्रयासों के बाद चमननगरवासियों के पुनर्वसन को मंजूरी दी है. इस संबंध में 25 मार्च 2025 को राज्य शासन के नगर विकास विभाग ने अध्यादेश जारी किया है. जिससे चमननगरवासियों को बडी राहत मिली है.
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने अमरावती मनपा द्वारा अमरावती शहर विकास योजना के तहत मौजा बडनेरा स. क्र. 280, 340 व 341 के 60 मीटर अकोली मोड मार्ग से बाधित होने वाले चमननगर झोपडपट्टी धारकों को महाराष्ट्र मनपा अधिनियम 1941 की धारा 79 (ग) के तहत मौजा बडनेरा स. क्र. 275 के पर्यायी भूखंड पर पुनर्वसन करने बाबत प्रस्ताव प्रस्तुत किया गया था. विधायक रवि राणा इस रिंगरोड की मंजूरी के लिए और चमन नगर झोपडपट्टीवासियों के पुनर्वसन के लिए लगातार प्रयासरत थे. मनपा आयुक्त के प्रस्ताव के मुताबिक 60 मीटर अकोली मोड मार्ग (रिंगरोड) का 80 से 85 प्रतिशत काम पूर्ण हुआ है. शेष काम पूर्ण होने के लिए सडक की नझूल की जगह पर बसे 46 झोपटपट्टी धारकों का पुनर्वसन होना आवश्यक है. इन झोपटपट्टी धारकों को पर्यायी भूखंड उपलब्ध कर देने के लिए मनपा के मालकी की जमीन 30 साल के लिए महाराष्ट्र मनपा अधिनियम 1949 की धारा 79 (ग) के मुताबिक किराया पट्टे पर देने की बात शासन के विचाराधीन थी. इसे देवेंद्र फडणवीस ने मंजूरी देते हुए नगर विकास विभाग के जरिए 25 मार्च को अध्यादेश जारी किया.
बता दें कि, 20 वर्ष पूर्व 2005 में पूर्व नागपुर रोड स्थित टोल नाके के पास से बडनेरा शहर के जुनीबस्ती चमननगर तक रिंगरोड का निर्माण किया गया था. लेकिन बडनेरा के 2 ले-आउट का संबंधितों को मुआवजा नहीं मिलने से यह काम रुक गया. साथ ही नझुल की जगह पर पिछले 50 से अधिक वर्षों से रहनेवाले नागरिकों ने अपने पुनर्वसन की मांग की. चमननगर से सटकर ही मनपा की 4 एकड जमीन पर इन नागरिकों को जगह देना भी तय हुआ. लेकिन क्षेत्र के नागरिक भूखंड के साथ घरकुल की भी मांग पर अडे रहे. ऐसे में पूर्व मनपा आयुक्त का तबादला हो जाने से यह काम अधर में अटका रहा.
जानकारी के मुताबिक एकात्मिक सडक विकास योजना के तहत रहाटगांव से कुछ दूरी पर और टोल नाका के पहले जड वाहनों की आवाजाही के साथ ही अमरावती-बडनेरा के नागरिकों को पर्यायी मार्ग रहे. इसके लिए रिंगरोड का निर्माण किया गया. इस रिंगरोड का निर्माण करीबन 20 वर्ष पूर्व वर्ष 2005 में हुआ. लेकिन बडनेरा शहर के जुनीबस्ती, चमननगर परिसर के पास आकर रुक गया. बताया जाता है कि, चमन नगर के नाले तक काम पूर्ण होने के बाद वहां सर्वे नं.281 और सर्वे नं.387 के दोले आउट का मुुआवजा उस समय के भाव के हिसाब से नहीं मिलने के कारण अटक गया था. चमन नगर की आबादी 4 से 5 हजार की है. इस बस्ती में 900 से 925 मकान है. दोनों ले-आउट उस समय अनवर बिल्डर, मुश्ताक बिल्डर और रईसभाई बेकरीवाले के थे. सर्वे नं.281 की जमीन 7 एकड और सर्वे नं. 387 की जमीन 4 एकड थी. बाद में मामला सुलझ गया और संबंधित बिल्डरों को उनका मुआवजा भी मिल गया. लेकिन जहां से यह रिंगरोड चमन नगर से होता हुआ अलमास गेट के पास आकर मिल रहा था. वहां बीच में नझुल की जगह पर 48 मकान है. साथ ही सर्वे नं.281 और सर्वे नं.387 के 80 मकान भी इस रिंगरोड के निर्माण में जा रहे है. इन सभी लोगों ने अपना पूरी तरह पुनर्वसन करने की मांग जारी रखी. इस कारण रिंगरोड का केवल 1 से डेढ किमी का शेष रहा निर्माण कार्य अधर में रह गया. इस चमननगर बस्ती से आधा किमी दूरी पर मनपा की 4 एकड जगह है. सडक के निर्माण के लिए मनपा इस 4 एकड जगह पर जिनके मकान सडक निर्माण में जा रहे है, उन्हें प्लॉट देने तैयार है. लेकिन नागरिकों का कहना था कि, उन्हें केवल भूखंड नहीं, बल्कि घरकुल भी चाहिए. क्योंकि पिछले 50 वर्षों से भी अधिक समय से नझुल की जगह पर रहने वाले नागरिकों के पास बिजली और पानी के कनेक्शन भी है और वह मनपा व नझुल का टैक्स भी अदा करते है. इस कारण इन नागरिकों की मांग है कि, जब तक सभी का पूरी तरह पुनर्वसन नहीं किया जाता, तबतक वह अपनी जगह से नहीं हटेंगे.
* पूर्व मनपा आयुक्त रोडे व निपाने द्बारा किए गए थे
चमन नगर के पूर्व पार्षद मोहम्मद साबीर ने बस्ती के नागरिकों के पुनर्वसन के लिए प्रयास किए थे और उन्होंने पूर्व मनपा आयुक्त संजय निपाने और प्रशांत रोडे से मुलाकात भी की थी. तब इन दोनों पूर्व मनपा आयुक्तो ने नागरिकों का पुनर्वसन करने का आश्वासन भी दिया था. लेकिन प्रक्रिया जारी रहते इन अधिकारियों के तबादले हो गए. पश्चात डॉ. प्रवीण आष्टीकर ने पदभार संभाला. उनके आने के बाद कुछ ही दिनों में मनपा सदस्यों का कार्यकाल समाप्त हो गया और प्रशासक नियुक्त होने के बाद यह मामला अधर में अटक गया. इसी कारण रिंगरोड का काम पूर्ण नहीं हुआ.
* सन 1993 में मंजूर हुआ था काम
रिंगरोड का निर्माण चमननगर तक लोकनिर्माण विभाग द्बारा किया गया है. यह रिंगरोड वर्ष 1993 में मंजूर हुआ था. लेकिन इसका निर्माण रहाटगांव से चमननगर तक वर्ष 2005 में पूर्ण हुआ. लेकिन 128 परिवार के पुनर्वसन की मांंग को लेकर इस रिंगरोड का निर्माणकार्य नहीं हो पाया. लेकिन अब आवश्यक सभी प्रक्रिया हो गई है. लोकनिर्माण विभाग द्बारा करीबन पांच वर्ष पूर्व इस परिसर का नए सिरे से सर्वेक्षण कर नापजोख भी की गई है और रिंगरोड के अधर में पडे निर्माण को पूर्ण करने का मार्ग अब मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस द्वारा झोपडपट्टीवासियों का पुनर्वसन करने के प्रस्ताव को मंजूरी मिलने से खुला हो गया है. लेकिन इस मार्ग के 46 झोपडपट्टी धारकों का पुनर्वसन होगा.
* मनपा की उदासिनता से डिमार्केशन नहीं हुआ
सूत्रों के मुताबिक चमननगर के जिन 128 परिवारों के मकान इस रिंगरोड में जा रहा हैं वहां के सभी नागरिक पुनर्वसित होने को तैयार है. यह भी पता चला है कि, मनपा की 4 एकड जमीन पर इन नागरिकों को बसाने का डीपी प्लान भी मंजूर होकर आ गया था. लेकिन मनपा की उदासीन कार्यप्रणाली के चलते डीमार्केशन नहीं होने की वजह से यह काम अटका पडा रह गया. यह जानकारी भी है कि, नागरिकों को भूखंड के साथ मुआवजा देने के लिए भी निधि आ गई थी. लेकिन केवल डीमार्केशन की वजह से यह काम अटका पडा रहा. रिंगरोड में जिन नागरिकों के मकान जा रहे है, उन्हें मनपा की जगह पर भूखंड देने के लिए मार्कींग का काम अब तक नहीं हो पाया था. जिसके लिए पूरी तरह से मनपा अधिकारियों की लापरवाही जिम्मेदार रही.
* रोड बना तो सुविधा के साथ विकास भी होगा
चमननगर के नागरिक पुनर्वसित होने से तैयार भी है. क्षेत्र के नागरिकों का कहना है कि, यह रिंगरोड पूर्ण हो गया तो संपूर्ण परिसर सहित आगे का भी विकास तेजी से होगा और नागरिकों को आपात समय में अमरावती जाने के लिए पर्यायी सुविधा भी रहेगी. लेकिन यह काम अधूरा रहने से परिसर के नागरिकों को भी परेशानी हो रही है और सभी विकास कार्य अब तक रुके पडे है.
* नापजोख हो गई, जल्द होगा निर्माण पूरा
मनपा के नगर रचना विभाग के सूत्रों ने जानकारी दी है कि, 32 लोगों के मकान इस मार्ग में जाने के चलते उन्हें मुआवजे के तौर पर दिए जानेवाले साढे 7 करोड रुपए जिला प्रशासन के पास जमा करा दिए गए है. इसके अलावा अन्य लोगों को मनपा की जमीन पर प्रत्येकी 550 चौरस फीट प्लॉट आवंटित किए जाएंगे. जिसके चलते पिछले कई वर्षो से अटका पडा रिंगरोड का निर्माण कार्य जल्द शुरु हो जाएगा. इसके लिए भूमि अभिलेख कार्यालय की तरफ से चमननगर परिसर की नापजोख भी कर ली गई है.

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