चिखलदरा स्कायवॉक की राह अब भी नहीं है आसान
पुलिस वायरलेस सेंटर की जगह का मामला अब तक अधर में
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* विधायक केवलराम काले ने निर्माण स्थल का किया औचक निरीक्षण
चिखलदरा/दि. 11- एशिया के दूसरे व देश के सबसे पहले स्कायवॉक का काम भले ही पर्यटन नगरी चिखलदरा में शुरु किया गया और इस काम को पूरा करते हुए स्कायवॉक को आम नागरिकों हेतु खोलने के लिए 25 जून 2025 की तारीख तय की गई है. परंतु ऐसा होने के हाल फिलहाल कोई आसार दिखाई नहीं दे रहे है. क्योंकि, स्कायवॉक हेतु जरुरी पुलिस वायरलेस सेंटर की जगह का मामला अब तक अधर में लटका हुआ है. जिसके चलते चिखलदरा स्कायवॉक की राहें फिलहाल आसान नहीं दिखाई दे रही.
बता दे कि, गत रोज ही मेलघाट के भाजपा विधायक केवलराम काले ने चिखलदरा स्कायवॉक के निर्माण स्थल का औचक निरीक्षण किया. इस अवसर पर चिखलदरा तहसील पत्रकार संघ के अध्यक्ष मनोज शर्मा, उपाध्यक्ष नारायण येवले, शहराध्यक्ष विनायक येवले, सचिव मारोती पाटणकर, प्रसिद्धी प्रमुख मोहसीन शेख, कोषाध्यक्ष विंसेंट चंदामी, मोहन गायन, अशरफभाई, कैलाश जयस्वाल तथा सिडको के व्यवस्थापक महल्ले भी उपस्थित थे. इस समय प्रकल्प के निर्माणस्थल पर भेंट देने के साथ ही विधायक केवलराम काले ने वहां चलनेवाले कामकाज के बारे में जानकारी हासिल की तथा कामकाज को लेकर आनेवाली समस्याओं से अवगत होते हुए वहां चल रहे नियोजन के बारे में चर्चा की. इस दौरान यह जानकारी सामने आई कि, यदि इस प्रकल्प का निर्माण कार्य पूरा हो भी जाता है तो भी इस स्कायवॉक को शुरु नहीं किया जा सकेगा. क्योंकि, जिस स्थान पर यह प्रकल्प तैयार हो रहा है, उसका एंट्री पॉइंट यानी अंदर आने का रास्ता पुलिस वायरलेस सेंटर से होकर गुजरता है और पुलिस वायरलेस सेंटर का मुंबई स्थित डीजी कार्यालय इस जगह की एनओसी सिडको को देने हेतु तैयार नहीं. ऐसे में फिलहाल यह पूरा प्रकल्प ही अंधेरे में दिखाई दे रहा है.
बता दे कि, पुलिस वायरलेस विभाग के ऐसे ही अडंगे की वजह से दो वर्ष पूर्व चिखलदरा स्कायवॉक का काम 6 माह तक बंद पडा रहा. उस समय दैनिक अमरावती मंडल द्वारा इस मुद्दे को लेकर बार-बार खबरे प्रकाशित करते हुए तत्कालीन जिलाधीश शैलेश नवाल के समक्ष यह मुद्दा रखा गया कि, पुलिस महकमें को 40 वर्ष पूर्व वायरलेस सेंटर स्थापित करने हेतु जगह आवंटित की गई थी. परंतु 40 वर्ष का समय बीत जाने के बावजूद उक्त जगह पर पुलिस वायरलेस सेंटर शुरु करते हुए जगह आवंटन के लक्ष्य को पूरा नहीं किया गया. इस वजह के चलते जिलाधीश द्वारा उक्त जगह को वापिस भी लिया जा सकता है. जिसका संज्ञान लेते हुए तत्कालीन जिलाधीश शैलेश नवाल ने अपने अधिकारों का प्रयोग कर उसी जगह पर स्कायवॉक का काम शुरु करने का आदेश जारी किया था. लेकिन अब जब इस विभाग से स्कायवॉक की ओर आने-जाने हेतु रास्ते के लिए जगह की मांग की गई तो इस विभाग ने रास्ते वाली जगह पर वॉल कंपाऊंड खडा करते हुए सिडकों के आगे के काम पर रोक लगा दी. ऐसे में कहा जा सकता है कि, भले ही स्कायवॉक का काम पूरा हो भी जाता तो वह एंट्री पॉइंट का अभाव रहने के चलते शुरु नहीं हो पाएगा. ऐसे में क्षेत्र के विधायक केवलराम काले को अभी से ही एंट्री पॉइंट हेतु जगह उपलब्ध कराने के लिए प्रयास करने की जरुरत होगी. साथ ही चिखलदरा शहर व तहसील के आम नागरिकों को भी पर्यटन नगरी के विकास के लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण साबित हो सकनेवाले इस स्कायवॉक को शुरु करवाने के लिए सामूहिक स्तर पर प्रयास करते हुए मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस व राज्य सरकार के समक्ष यह मुद्दा बेहद प्रभावी तरीके से रखना होगा.
गत रोज स्कायवॉक का औचक निरीक्षण करने के बाद विधायक केवलराम काले ने मौके पर उपस्थित पत्रकारों के समक्ष सिडकों के व्यवस्थापक महल्ले को निर्देश देते हुए कहा कि, स्कायवॉक से संबंधित दस्तावेजों को तैयार किया जाए. जिसे लेकर वे जल्द ही मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस तथा राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले से मुलाकात करेंगे और चर्चा करते हुए स्कायवॉक के मामले को सुलझाने हेतु पूरा प्रयास करेंगे.