छत्रपति शिवाजी महाराज का शासन समता व सर्वधर्म का था
शिवजयंती पर प्रा. डॉ. गवई का प्रतिपादन
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अमरावती /दि. 24– छत्रपति शिवाजी महाराज का राजशासन यह समता, बंधुत्व व सर्वधर्म समभाव को लेकर चलने वाला था. इस आशय का प्रतिपादन नवोदय महाविद्यालय के प्रा. डॉ. एस. जी. गवई ने किया. वे शिव जयंती पर आयोजित कार्यक्रम में बतौर अध्यक्ष बोल रहे थे.
प्रा. गवई ने कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज की सेना में सभी जाती धर्म के सैनिकों का समावेश था. शिवाजी महाराज को जनता राज्य निर्माण करना था और उनकी सेना में जिगरबाज सैनिक थे. अफजल खान ने जब छुपे तरीके से हमला किया तब जीवा महाराज ने उसका मुहतोड़ जवाब दिया. उनकी सेना में तानाजी मालसुरे यह कोली समाज का सैनिक था. बेटे के विवाह के लिए उन्हें पता चला कि कोंडाना किले पर कब्जे के लिए मुगलों की फौज आई है. तब तानाजी ने बेटा का विवाह छोड़कर कोंडाना बचाने के लिए किले पर पहुंचे और मुगलों के इरादों पर पानी फैर दिया. इस तरह के सैनिक छत्रपति शिवाजी महाराज के सेना में थे. इस अवसर पर पूर्व पार्षद प्रशांत महल्ले ने भी शिवाजी महाराज के इतिहास पर प्रकाश डाला, केंद्र प्रमुख इंगले, भातकुली पंचायत समिति के पूर्व सभापति विवेक जवंजाल, पूर्व पार्षद सुनील जावरे, प्रा. सुनील पझारे आदि उपस्थित थे.
जयंती कार्यक्रम को सफल बनाने सुभाष वलके, समाधान काले, संजु गायकवाड, कुकडे, राजू सांगोले, देवेंद्र वानखडे, शेंद्रे, राजाभाऊ कश्यप, दिनेश मेश्राम, दिनेश जांबुलकर, प्रदीप अरबट आदि ने महत्प्रयास किए.