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सत्ता पक्ष और व्यापारी वर्ग ने की वाहवाही, विपक्ष ने स्वाभाविक रुप से कहा कुछ खास नहीं

देश के आम बजट पर खास-खास लोगों की प्रतिक्रिया

* सांसद वानखडे का केंद्र पर गंभीर आरोप
अमरावती/दि.23- देश की खजांची निर्मला सीतारामन ने रिकॉर्ड सतत 7वीं बार संसद में अर्थ संकल्प प्रस्तुत किया. जिसे विशेषज्ञ महिलाओं, युवाओं, किसानों का अर्थ संकल्प निरुपित कर रहे हैं. वहीं विपक्ष के नेताओं ने बजट की स्वाभाविक रुप से आलोचना की हैं. सांसद बलवंत वानखडे ने केंद्र सरकार पर गंभीर आरोप लगाया कि मोदी सरकार महाराष्ट्र से गुस्सा पाले हुए है. इसीलिए बजट में कुछ नहीं दिया गया है. वहीं राज्यसभा सांसद भाजपा के डॉ. अनिल बोंडे ने गांव देहात और खेती बाडी के विकास के लिए चार लाख करोड से अधिक के प्रावधान को ऐतिसाहिक बताया. यह भी कहा कि विकसित भारत का यह बजट है. अमरावती के व्यापारी वर्ग ने बजट के कुछ प्रावधानों का उल्लेख कर इसे स्वागत योग्य बताया. जैसे सराफा व्यापारी इस बात से खुश हो गए कि सोने पर लगाई गई 10 प्रतिशत इम्पोर्ट ड्यूटी घटाकर 6 प्रतिशत कर दी गई है. इससे सोना लगभग ढाई हजार रुपये प्रति 10 ग्राम सस्ता हो गया है. बजट पर प्राप्त प्रतिक्रियाएं इस प्रकार है

गरीब, किसान, युवाओं, महिलाओं को समर्पित बजट
राज्यसभा सांसद और भाजपा जिलाध्यक्ष डॉ. अनिल बोंडे ने आज प्रस्तुत नरेन्द्र मोदी सरकार 3.0 के पहले बजट के प्रावधानों का बडा जोश पूर्ण स्वागत किया. डॉ. बोंडे ने कहा कि निर्मला सीतारामन ने अपना सतत 7वां अर्थसंकल्प प्रस्तुत करते हुए जो शानदार प्रावधान किए हैं. वह किसान, गरीब, युवाओं,महिलाओं को समर्पित हैं. मुद्रा लोन 10 लाख से बढा कर 20 लाख कर दिया गया है. विकसीत भारत के निर्माण हेतु 9 बातों को वरियता दी जा रही है. सभी को दिलासा देने वाला विकसीत भारत का बजट वित्त मंत्री सीतारामन ने प्रस्तुत किया है. इसका मैं बहुत स्वागत करता हूं. बजट से पहला प्राधान्य कृषी को दिया गया है. खेती बाडी के लिए 1.52 लाख करोड का प्रावधान किया गया है. उसी प्रकार 1 करोड किसानों को प्राकृतिक खेती करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा. 109 प्रकार की नई किस्म फसलों की उगाई जाएगी. इससे निश्चित ही किसानों की अर्थदशा में बडा सुधार होगा. सभी गांव- देहात में डिजीटल फार्मिंग का ऐलान बजट में किया गया है. ग्रामीण विकास के लिए भी 2 लाख करोड प्रावधान किया गया है, जो देश के चौतरफा विकास का मार्ग प्रशस्त करता है. प्रधानमंत्री आवास योजना में 3 करोड नये घर बनाने की घोषणा की गई है. उसी प्रकार इसी आवास योजना में बनाए गए घरों में निशुल्क सोलर बिजली संयत्र की घोषणा भी अत्यंत स्वागत योग्य है. आज के दौर में ऐसे ही बजट की हम सभी को अपेक्षा थी और वह निर्मला जी ने काफी हद तक पूर्ण की है.

बजट में महाराष्ट्र को कद्दू
अमरावती के सांसद बलवंत वानखडे ने बजट की कटु आलोचना करते हुए कहा कि मोदी सरकार का महाराष्ट्र व्देश जारी है. तभी तो बजट में महाराष्ट्र में भोपला ( कद्दू) मिला है. इसका अर्थ होता है कुछ भी नहीं. वानखडे ने कहा कि लोकसभा चुनाव में महाराष्ट्र की जनता ने भाजपा को नकार दिया. उसका गुस्सा मोदी सरकार ने बजट में दिखाया है. बिहार और आंध्र को काफी कुछ दिया गया. वानखडे ने कहा कि किसानों के लिए काफी कुछ करने के लिए घोषणाएं मोदी सरकार दस वर्षो से करती आ रही है. प्रत्यक्ष में किसानों की बडी प्रताडना हो रही है. सांसद वानखडे ने कहा कि किसानों की आमदनी दुगुनी करने की लफ्फाजी भाजपा सरकार अर्से से कर रही है. हकीकत में किसानों की उपज को उचित दाम नहीं मिल पा रहे. जब वानखडे से पूछा गया कि बजट में अमरावती के लिए क्या घोषणाएं हुइ है तो उन्होंने कहा है कि अभी तो रेल संबंधी घोषणाओं का पता नहीं चल पाया है. फिर भी समस्त महाराष्ट्र के लिए बजट में कुछ नहीं है.

सोना पर घटाई इम्पोर्ट ड्यूटी स्वागत योग्य
सराफा व्यापारी असो. के अध्यक्ष राजेन्द्र भंसाली ने आज प्रस्तुत बजट को घोषणाओं के लिहाज से स्वागत योग्य बताया. भंसाली ने बताया कि सरकार को यह भी देखना चाहिए की उसकी पिछली घोषणाएं कितनी मूर्त रुप ले पाई है. भंसाली ने राष्ट्रीय जेम एंड ज्वेलरी असो. की अनेक मांगों को वित्त मंत्री सीतारामन व्दारा पूरा नहीं करने की बात कही. तथापि भंसाली ने बताया कि सोने और चांदी के आयात शुल्क को दस प्रतिशत से घटाकर छह प्रतिशत कर दिया गया है. इससे आज से ही सोना लगभग 2500 रुपये प्रति दस ग्राम सस्ता हो गया. यह आमजनों के लिए लाभ की बात है. भंसाली ने कहा कि जीएसटी की दरें भी कम होनी चाहिए. विश्व बाजार में रेट बढने से सोने पर लागू टैक्स काफी है. उसे कम करने की हमारी अनेक वर्षो की मांग है. जीएसटी पर अभी सरकार ने निर्णय नहीं किया है. इस बारे में भी निर्णय जल्दी होवें तो अच्छा रहेगा. लोगों को सोने और चांदी के गहने बनाने का रुझान रहेगा. मार्केट भी चलेगा. फिलहाल तो किमती धातुओं के ग्राहक सीमित हो रखे हैं.

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