अमरावती

देश और समाजहित में समर्पित है संघ

अमरावती-/दि.10 देशभक्ति की भावना के साथ समाजहित में कार्य करनेवाले डॉ. केशव बलीराम हेडगेवार ने वर्ष 1925 में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना की थी. इस संगठन की स्थापना का मुख्य उद्देश्य समाज की कमियों व दोषों को निरस्त करने के साथ ही समाज में देशभक्ति की भावना को स्थापित करना रहा है. विगत 97 वर्षों से अपनी इसी सोच के साथ काम कर रहे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना को वर्ष 2025 में एक शतक पूर्ण हो जायेगा और यह दूनिया का एकमात्र ऐसा संगठन है, जो विगत 100 वर्षों से अबाधित तौर पर काम कर रहा है. इस आशय का प्रतिपादन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के नागपुर निवासी अखिल भारतीय व्यवस्था प्रमुख मंगेश भेंडे द्वारा किया गया.
गत रोज स्थानीय किरण नगर परिसर स्थित नरसम्मा महाविद्यालय के प्रांगण में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अमरावती महानगर शाखा द्वारा विजयादशमी उत्सव का आयोजन किया गया था. इस अवसर पर बतौर प्रमुख मार्गदर्शक संघ के अ. भा. व्यवस्था प्रमुख मंगेश भेंडे द्वारा अपने विचार व्यक्त किये जा रहे थे. इस समय बतौर प्रमुख अतिथी चक्रधर इंडस्ट्रीज लिमिटेड के फाउंडर व चेअरमैन उदय देशमुख, विभाग संघ चालक चंद्रशेखर भोंदू, महानगर संघ चालक सुनील सरोदे तथा महानगर सह संघचालक उल्हास बपोरीकर उपस्थित थे. इस अवसर पर अपने संबोधन में मंगेश भेंडे ने कहा कि, डॉ. हेडगेवार ने करीब 10 से 12 वर्ष के विचार-मंथन पश्चात संघ की स्थापना की थी. ऐसे में यदि संघ को समझना है, तो सबसे पहले डॉ. हेडगेवार के विचारों को समझना होगा. साथ ही मंगेश भेंडे ने बताया कि, समाज में परिवर्तन लाने हेतु डॉ. हेडगेवार व्यक्तियों की सोच में परिवर्तन लाने की सोच रखते थे. इसी सोच को लेकर संघ आज भी काम कर रहा है. मंगेश भेंडे के मुताबिक बदलते वक्त के साथ हिंदू समाज आपसी भाईचारा भूल रहा है और बिखराव की तरफ बढ रहा है. ऐसे में समाज को एकजूट रखने हेतु संघ द्वारा विभिन्न गतिविधियों व उपक्रमों का संचालन किया जाता है. जिसके तहत 1 लाख से अधिक सेवाएं देनेवाले संघ में स्वयंसेवकों को प्रशिक्षित किया जाता है, जो संघ की सोच को लेकर पूरे समर्पण भाव के साथ काम कर रहे है. अपने संबोधन में मंगेश भेंडे ने मौजूदा दौर की विभिन्न सामाजिक मुद्दों को भी छूआ और उन पर अपने विचार रखे.
वहीं इस अवसर पर मुख्य अतिथी के रूप में अपने विचार व्यक्त करते हुए चक्रधर इंडस्ट्रीज के संस्थापक अध्यक्ष उदय देशमुख ने कहा कि, भारतीयों को व्यापार एवं उद्योग के क्षेत्र में आना चाहिए. साथ ही उद्योजकता को प्रोत्साहित करने हेतु शिक्षा प्रणाली में आमूलाग्र परिवर्तन किया जाना चाहिए. जिसके तहत शिक्षा में तकनीकी प्रात्यक्षिक का समावेश किया जाना चाहिए, ताकि हमारे विद्यार्थी रोजगार हासिल करनेवाले नहीं, बल्कि रोजगार देनेवाले बन सके. इस कार्यक्रम में उपस्थित स्वयंसेवकों ने विविध प्रत्याक्षिक प्रस्तुत किये. जिसमें ढोल पथक, सामूहिक प्रार्थना, सामूहिक दंड प्रयोग, सूर्य नमस्कार, व्यायाम व सामूहिक गीत पेश किये. इससे पहले ध्वजारोहण व ध्वजवंदना का कार्यक्रम हुआ. साथ ही उपस्थित गणमान्यों के हाथों डॉ. केशव हेडगेवार व माधव गोलवलकर गुरूजी की प्रतिमा का पूजन करने के साथ ही शस्त्र पूजन किया गया.
इस कार्यक्रम में प्रास्ताविक परिचय महानगर कार्यवाहक श्याम नीलकरी, अमृत वाचन लक्ष्मण ठाकुर, व्यक्तिगत गीत निशाद फणसालकर, सांघिक गीत विवेक धर्माले व प्रार्थना वरद आष्टीकर द्वारा की गई. इस आयोजन की सफलता हेतु शस्त्र प्रमुख पंकज निखार, मुख्य शिक्षक निलेश मोहोड, प्रात्यशिक प्रमुख आशुतोष भुजाडे, शरद जामकर, ईशान गीत अथर्व पहाडे, रोहित यादव व अखिलेश यादव आदि सहित अनेकों स्वयंसेवकों ने महत प्रयास किये. इस कार्यक्रम में राज्यसभा सांसद डॉ. अनिल बोंडे तथा भाजपा पदाधिकारियों सहित शहर के अनेकों गणमान्य नागरिक उपस्थित थे.

भव्य पथ संचालन निकला
इस आयोजन से पहले राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ द्वारा नरसम्मा महाविद्यालय के प्रांगन से भव्य पथ संचालन का आयोजन किया गया. जिसमें हजारों स्वयंसेवक संघ की पोशाख और लाठी धारण करते हुए शामिल हुए. यह पथ संचालन फरशी स्टॉप, यशोदा नगर, मोती नगर, कल्याण नगर, राजापेठ चौक, शंकर नगर व कंवरनगर से होते हुए वापिस नरसम्मा महाविद्यालय के प्रांगण पर पहुंचकर समाप्त हुआ.

राणा दम्पति के निवास पर हुआ भव्य स्वागत
जिस समय राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का पथ संचालन शंकर नगर परिसर में पहुंचा, तो सांसद नवनीत राणा व विधायक रवि राणा के निवास स्थान ‘गंगा-सावित्री’ के समक्ष युवा स्वाभिमान के मार्गदर्शक सुनील राणा द्वारा इस पथ संचालन का स्वागत करते हुए सभी स्वयंसेवकों पर पुष्पवर्षा की गई. साथ ही पथ संचालन का स्वागत करने हेतु सडक पर आकर्षक रंगोली सजाई गई थी. इस समय नितीन बोरेकर, अभिजीत देशमुख, संदीप गुल्हाने, सचिन भेंडे, अनूप अग्रवाल, सूरज मिश्रा, शालीनी देवरे, अनूप खडसे, महेश मूलचंदानी, मिलींद अवगड, सचिन भेंडे, महेंद्र गुप्ता, प्रवीण सुके, सौरभ तिखिले, नितीन म्हस्के व अजय बोबडे आदि उपस्थित थे.

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