अमरावती

जिले के सरपंचों ने त्रिसूत्री का अमल कर ग्रामविकास करने की आवश्यकता

सीईओ पंडा का आह्वान, जिलास्तरीय सरपंच संवाद कार्यशाला

अमरावती /दि. २– सरपंचों को ग्रामविकास को महत्वपूर्ण जरिया माना जाता है. ग्रामपंचायत अधिनियमों की जानकारी, केंद्र और राज्य सरकार द्वारा प्राप्त निधि का सही उपयोग व नवीनतम योजनाओं का परिणामकारक अमल इस त्रिसूत्री का अमल कर सरपंचों ने ग्रामविकास करने का आह्वान जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अविश्यांत पंडा ने किया. स्वच्छ भारत मिशन तथा पंचायत विभाग जिला परिषद द्वारा आयोजित सरपंच संवाद कार्यशाला में वे बोल रहे थे. इस अवसर पर अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी संतोष जोशी, प्रकल्प संचालक प्रीति देशमुख, मुख्य वित्त व लेखाधिकारी चंद्रशेखर खंडारे, कार्यकारी अभियंता संदीप देशमुख, जल व स्वच्छता विभाग के उपमुख्य कार्यकारी अधिकारी श्रीराम कुलकर्णी, गिरीश धायगुडे, प्रवीण सिनारे उपस्थित थे. कार्यशाला के प्रथम सत्र में गंदगीमुक्त गांव व घनकचरा व्यवस्थापन इस विषय पर प्रशांत सातव, ग्रामपंचायत विविध अभियान व योजना इस विषय पर गिरीश धायगुडे, घनकचरा व्यवस्थापन पर विद्याधर कुडतरकर ने सरपंचों का मार्गदर्शन किया. प्रस्तावना श्रीराम कुलकर्णी ने रखी. संचालन दिनेश गाडगे ने किया. कार्यशाला को सफल बनाने के लिए प्रदीप बद्रे, सुनील इंगोले, मनोहर परकोर, बालासाहेब बोर्डे, धनंजय तीरमारे, अजिंक्य काले, नीलेश नागपुरकर, प्रीति बावणे, रोहिणी शेलके, नीलिमा इंगले, दर्शना गौतम, संजय राजूरकर, सुनील तिवारी, भरत वानखडे ने प्रयास किए.

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