विद्यापीठ परिसर का निसर्गरम्य,पर्यावरण पूरक परिसर मानो शहर की सांस
ग्रीष्मकाल में संत गाडगेबाबा विद्यापीठ की हरियाली नागरिकों के स्वास्थ्य के लिये उपयोगी
अमरावती/दि.5 – संत गाडगेबाबा अमरावती विद्यापीठ परिसर के वनराई, हरियाली, घने वृक्ष व विविध प्रकार के पौधे, उद्यान शहरवासियों के के लिये ऑक्सीजन पार्कके समान होकर यह 450 प्रकार का निसर्गरम्य, पर्यावरण पूरक परिसर शहर की सांस है. इसी कारण यहां स्वास्थ्यदायी, प्रसन्न वातावरण में सुबह-शाम सैर करने वालों की भीड़ रहती है.
विद्यापीठ के सैकड़ों पेड़ शहर के स्वास्थ्य की दृष्टि से उपयोगी साबित हो रही है.विशेष बात यह है कि शहर के ऑक्सीजन पार्क के रुप में इस परिसर की पहचान हो रही है. ठंडी हवा, बड़े उद्यान वाले विद्यापीठ को विविध उद्यान पुरस्कार मिले है. परिसर में छाया देने वाले घने वृक्ष, दो बड़े जलाशय, 5-6 बंधारे तैयार किये जाने के साथ ही बारिश के दिनों के पानी का संवर्धन किये जाने से भूगर्भ के पानी का स्तर भी बढ़ा है.
विद्यापीठ में निसर्गरम्य व पर्यावरणपूरक परिसर के लिये राज्य व राष्ट्रीय स्तर के महाराष्ट्र राज्य वनश्री पुरस्कार, वनराई की स्व. अजय शिनखेडे स्मृति निमित्त वन खेती पुरस्कार, इंदिरा प्रियदर्शनी वृक्षमित्र राष्ट्रीय पुरस्कार, वसंतराव नाईक (सामाईक) पुरस्कार, मुंबई, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया है. कर्मयोगी संत गाडगे बाबा ने अपने दशसूत्री पशु,पक्षी, बेजुबान प्राणियों को यहां आश्रय दिया जाता है.
विद्यापीठ परिसर में विविध 275 लाख वृक्ष
इस परिसर में विविध जाति-प्रजाति के 2.75 लाख वृक्ष है. इनमें औषधि वनस्पती का भी समावेश है. सर्वाधिक ऑक्सीजन देने वाले वृक्ष जैसे बड़, पीपल, नीम, कड़वी बादाम इस परिसर में है. परिणाम स्वरुप परिसर में घुमने वालों का मन प्रफुल्लित होता है. इस परिसर में पेड़ों को पानी देने के लिये कुएं व 15 बोअर वेल्स है. विद्यापीठ की स्वयं की नर्सरी होने के साथ ही इस नर्सरी में विविध पौधों की निर्मिति की जाती है. पश्चात उन पौधों का परिसर में वृक्षारोपण किया जाता है. करीबन 2, 500 परिवारों व्दारा विविध सजावटी पौधे लगाकर परिसर की सुंदरता बढ़ाई जाती है.