अमरावतीमहाराष्ट्र

बच्चे को पैदा होते ही आधार कार्ड देने की योजना दो साल से बंद

जिला स्त्री अस्पताल बना था योजना शुरु करनेवाला पहला हॉस्पिटल

अमरावती /दि.3– स्थानीय जिला स्त्री अस्पताल यानी डफरिन हॉस्पिटल में बच्चे के पैदा होते ही उसका आधार कार्ड बनाने की योजना शुरु की गई थी. यह योजना अस्पताल प्रशासन व पोस्ट ऑफीस की सहायता से शुरु की गई थी और इस तरह की योजना चलानेवाला डफरिन अस्पताल राज्य का पहला अस्पताल साबित हुआ था. परंतु विगत दो वर्ष से इस योजना पर ब्रेक लगा हुआ है और अस्पताल में आधार कार्ड बनाकर देने हेतु पोस्ट ऑफीस का कोई कर्मचारी नहीं आता है. जिसके चलते विगत दो वर्ष के दौरान डफरिन अस्पताल में जन्मे एक भी बच्चे का आधार कार्ड नहीं बना है, ऐसी जानकारी अस्पताल प्रशासन द्वारा दी गई है.
युनिक आयडेंटीफिकेशन एथॉरिटी ऑफ इंडिया (यूआयडीएआय) द्वारा नवजात बच्चों के आधार कार्ड हेतु पंजीयन की सुविधा अस्पताल में देने का निर्णय लिया गया था. जिसके चलते बच्चे के पैदा होते ही उसका आधार कार्ड बनाकर देने की योजना राज्य में सबसे पहले अमरावती के जिला स्त्री अस्पताल में शुरु की गई थी. जिसके लिए पोस्ट ऑफीस के दो कर्मचारियों की नियुक्ति भी की गई थी. ये दोनों कर्मचारी रोजाना अस्पताल जाकर वहां पैदा होनेवाले नवजात बच्चों के आधार कार्ड तैयार करते थे. जिसके लिए माता-पिता में से किसी एक के आधार कार्ड तथा अस्पताल से दिए जानेवाले बच्चे के जन्म प्रमाणपत्र के जरिए बच्चे का आधार कार्ड बनाया जाता था. परंतु अप्रैल 2023 से डाक विभाग के कर्मचारियों ने अस्पताल में आना बंद कर दिया. जिसके चलते विगत दो वर्षों से अस्पताल में पैदा होनेवाले नवजात शिशुओं के आधार कार्ड तैयार करने के काम पर ब्रेक लगा हुआ है.

* पांच महिने ही चली योजना
बच्चे के पैदा होते ही उसका आधार कार्ड देने की योजना जिला स्त्री अस्पताल में दिसंबर 2022 से शुरु की गई थी और मार्च 2023 तक डफरिन अस्पताल में जन्मे करीब 798 बच्चों के आधार कार्ड बनाकर दिए गए थे. परंतु अप्रैल 2023 से डाक के विभाग के कर्मचारियों ने अस्पताल में आना बंद कर दिया. जिसके चलते यह योजना केवल पांच महिने ही शुरु रही.

* जिला स्त्री अस्पताल में बच्चे के जन्म लेते ही उसका आधार कार्ड बनाया जाता था. परंतु इस काम हेतु पोस्ट ऑफीस के आनेवाले कर्मचारियों का आना अचानक ही बंद हो गया. जिसे लेकर पत्रव्यवहार भी किया गया. परंतु आधार कार्ड बनाने हेतु कर्मचारी ही नहीं आए.
डॉ. विनोद पवार
वैद्यकीय अधीक्षक, जिला स्त्री अस्पताल.

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