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स्कूल बस के चालक का अपराधिक रिकॉर्ड न रहें

फिटनेस और चालक का लाईसेंस जरुरी

* पार्किंग स्थल पर वाहन खडे रख विद्यार्थियों को नीचे उतारें
* दुर्घटनाओं से बचने चालको को अनेक हिदायत
* पुलिस आयुक्तालय में हुई बैठक में सीपी, आरटीओ और शिक्षणाधिकारी ने किया मार्गदर्शन
अमरावती/दि. 3 – गत 1 जुलाई से सभी शालाओं की घंटी बज गई है. ऐसे में विद्यार्थियों की सुरक्षा की दृष्टि से स्कूल बस व वैन चालक संगठना के पदाधिकारियों के साथ आज पुलिस आयुक्त नवीनचंद्र रेड्डी ने दोपहर में पुलिस आयुक्त कार्यालय में बैठक ली. इस बैठक में आरटीओ उर्मिला पवार, शिक्षणाधिकारी प्रीती देशमुख सहित पुलिस उपायुक्त कल्पना बारावकर, सागर पाटिल सहित अन्य उपस्थित थे. इस बैठक में पुलिस आयुक्त ने स्कूल बस संगठना के पदाधिकारियों को स्पष्ट हिदायत दी कि, किसी भी बस अथवा वैन का चालक अपराधिक प्रवृत्ति और शराबी नहीं होना चाहिए.
पुलिस आयुक्त नवीनचंद्र रेड्डी ने शालाएं शुरु होते ही स्कूल बस और वैन में आनेवाले विद्यार्थियों की सुरक्षा की दृष्टि से आवश्यक कदम उठाना शुरु किए है. इसी के तहत आज प्रादेशिक परिवहन अधिकारी उर्मिला पवार, शिक्षणाधिकारी प्रीती देशमुख, मनपा शिक्षणाधिकारी सहित पुलिस उपायुक्त कल्पना बारावकर, सागर पाटिल, सहायक आयुक्त शिवाजीराव बचाटे, शहर व ग्रामीण ट्रैफिक शाखा के निरीक्षक, सहायक निरीक्षक मोहन इंगले सहित संबंधित विभाग के प्रतिनिधि, मनपा के परिवहन व्यवस्थापक, स्कूल बस संगठना के पदाधिकारी तथा पोदार इंटरनेशनल स्कूल, गोल्डन किड्स, ज्ञानमाता व होलिक्रॉस स्कूल सहित अन्य शालाओं के मुख्याध्यापक उपस्थित थे.
पुलिस आयुक्त नवीनचंद्र रेड्डी ने स्पष्ट किया कि, किसी भी शाला की स्कूल वैन का चालक शराब का लतखोर न हो और उसका अपराधिक रिकॉर्ड नहीं होना चाहिए. साथ ही स्कूल बस में विद्यार्थी बैठने के बाद सडक से दौडते समय वाहनों में अंतर हो, चलती बस का दरवाजा हमेशा बंद रहना चाहिए, दुर्घटना से बचने के लिए शाला में पहुंचने पर पार्किंग स्थल पर बस खडी कर विद्यार्थियों को नीचे उतारा जाए. शाला छुटने के आधा घंटा पूर्व स्कूल बस शाला में पहुंचकर पार्किंग स्थल पर खडी की जाए. ताकि विद्यार्थी शाला छुटने के बाद उसी स्थल पर आकर बस अथवा वैन में बैठे. पुलिस आयुक्त नवीनचंद्र रेड्डी का विशेष जोर यह भी था कि, मुख्य मार्ग पर स्थित शालाओ में स्कूल बस अथवा अन्य वाहनों को खडे रखने पार्किंग व्यवस्था होनी चाहिए. स्कूल बस को खडे करने के लिए शाला परिसर में आधे घंटे के लिए शाला व्यवस्थापन द्वारा व्यवस्था की जानी चाहिए. उन्होंने स्पष्ट रुप से यह भी हिदायत दी कि, नियमो का उल्लंघन करने पर संबंधित बस संचालको के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. साथ ही हर स्कूल बस में केअरटेकर भी अनिवार्य है.

* स्कूल बस का फिटनेस अनिवार्य
आरटीओ उर्मिला पवार ने इस अवसर पर कहा कि, वर्ष 2011 में ओमनी वैन को शालेय विद्यार्थियों को ले जाने के लिए स्कूल वैन के रुप में अनुमति दी गई थी. यह अनुमति 15 साल तक रहनेवाली है. लेकिन उसके बाद यह वैन स्कूल वैन के रुप में नहीं चलाई जा सकेगी. इस तरह के नए वाहनों को अब अनुमति नहीं दी जा रही है. हर स्कूल बस अथवा वैन का फिटनेस सर्टीफिकेट और चालक के पास लाईसेंस रहना जरुरी है. साथ ही केअरटेकर भी अनिवार्य है. जांच के दौरान कागजपत्र न रहने पर कार्रवाई की जाएगी, ऐसा भी आरटीओ उर्मिला पवार ने कहा.

* शाला में हर माह बैठक जरुरी
शिक्षणाधिकारी प्रीती देशमुख ने बैठक में स्पष्ट किया कि, विद्यार्थिंयों की सुरक्षा की दृष्टि से शालाओं में हर माह पालको के साथ बैठक लेना अनिवार्य है. ताकि किसी भी समस्या का निवारण हो सके. शाला छुटने के पूर्व शाला व्यवस्थापन की तरफ से बाहर विद्यार्थियों को ले जाने खडे रहनेवाले वाहन अथवा स्कूल बस के पास भी शाला के शिक्षक अथवा कर्मचारी मौजूद रहना चाहिए. ताकि विद्यार्थी सुरक्षित तरीके से स्कूल बस में बैठ सके.

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