अमरावती

शाला, शिक्षकों को न देखते हुए पहली के बच्चे पहुंचे दूसरी में

शैक्षणिक भविष्य पर प्रश्न

अमरावती/दि.15 – ग्रामीण भाग के अनेक परिवारों के पालकों को स्मार्ट फोन का इस्तेमाल किस तरह किया जाये, इस बारे में जानकारी नहीं. कक्षी चौथी तक के विद्यार्थियोें को इस बारे में बहुत कम जानकारी होती है. इस कारण ग्रामीण भाग के पालकों का 4 थीं तक के विद्यार्थियों की काफी फजीहत हो रही है. ऐसा रहते स्कूल व शिक्षकों को न देखते हुए भी पहली के बच्चों को दूसरी कक्षा में दाखिल किया गया. दूसरी कक्षा में जाकर इन बच्चों को कुछ नहीं आता. जिससे ग्रामीण भाग के विद्यार्थियों का शैक्षणिक प्रश्न धोखे में आया है. कोरोना का बढ़ते प्रसार को रोकने के लिये सरकार व्दारा स्कूल, महाविद्यालय बंद रखे गये हैं. इस कारण ऑनलाइन शिक्षण पध्दति शुरु की गई. लेकिन ग्रामीण भाग में इस प्रणाली का कोई खास लाभ न होने का चित्र दिखाई दे रहा है.
ग्रामीण भाग में कई विद्यार्थियों के पास स्मार्ट फोन नहीं है और जिनके पास है वे नेटवर्क के कारण परेशान है. ऐसा होने के बाद भी ग्रामीण भाग के पहली से चौथी तक के विद्यार्थी ऑनलाइन शिक्षा लेने में असमर्थ होने की बात दिखाई देती है. बच्चे को गत वर्ष जिला परिषद स्कूल में पहली कक्षा में दाखिल किया, गणवेश, पुस्तकें भी मिली लेकिन वह कक्षा में न बैठते हुए एवं शिक्षकों को न देखते हुए सरकार के निर्णय के कारण दूसरी कक्षा में पहुंच गया, ऐसा पालकों का कहना है.

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