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दूसरे दिन भी जारी रहा हडताल और धरना प्रदर्शन का दौर

विभिन्न सरकारी कार्यालयों पर आंदोलन श्रृंखला

अमरावती/दि.29- अपनी विभिन्न प्रलंबीत मांगों व समस्याओं को लेकर ट्रेड यूनियन काउंसिल, विद्युत अधिकारी व कर्मचारी संघ, सीटू व आयटक सहित कई विभिन्न कामगार संगठनों ने सोमवार से दो दिवसीय राष्ट्रव्यापी हडताल का आगाज किया. जो लगातार दूसरे दिन आज मंगलवार 29 मार्च को भी जारी रही. जिसके चलते आज भी जिलाधीश कार्यालय सहित विभिन्न सरकारी कार्यालयों व विभागों के समक्ष धरना प्रदर्शन एवं नारेबाजी का दौर चलता रहा. बता दें कि, इस आंदोलन में महाराष्ट्र राज्य बिजली कर्मचारी व अधिकारी संघर्ष समिति, ऑल इंडिया ग्रामीण डाक सेवक युनियन, पोस्टल इम्प्लाइज युनियन, जिला ट्रेड युनियन काउंसिल, अंगणवाडी कर्मचारी संगठना, शालेय पोषण आहर कर्मचारी युनियन, आशा वर्कर्स गुट प्रवर्तक संगठन, बैंक कर्मचारी संगठन तथा सीटू व आयटक जैसे संगठन हिस्सा ले रहे है.

* जिला ट्रेड यूनियन काउंसिल ने कलेक्ट्रेट पर दिया धरना
दो दिवसीय देशव्यापी हडताल में शामिल अमरावती जिला ट्रेड यूनियन काउंसिल ने आज हडताल के दूसरे दिन जिलाधीश पवनीत कौर के जरिये देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम ज्ञापन भिजवाया. जिसमें कहा गया कि, केंद्र सरकार द्वारा चार कामगार विरोधी श्रमसहिताओं को अमल में लाया जा रहा है. जिससे देश में निजीकरण को बढावा मिलेगा. इसका निषेध करने हेतु विभिन्न सरकारी महकमों एवं सरकारी उपक्रमों के अधिकारियों व कर्मचारियों द्वारा देशव्यापी हडताल की जा रही है. अत: सरकार द्वारा जल्द से जल्द कामगार विरोधी कानूनों को निरस्त किया जाना चाहिए. साथ ही इस ज्ञापन में पेट्रोल-डीजल व गैस पर लगाये जानेवाले केंद्रीय करोें को कम करने व महंगाई को निरस्त करने की ओर भी सरकार का ध्यान दिलाया गया. ज्ञापन सौंपते समय जिला ट्रेड यूनियन काउंसिल के उदयन शर्मा, पी. बी. उके, डी. एस. पवार, चंदू बानुबाकोडे, सुभाष पांडे, आयटक के तुकाराम भस्मे, जे. एम. कोठारी, निलकंठ ढोके, महेश जाधव, पंजाब कुर्‍हेकर, इन्शुरन्स एम्प्लॉईज एसो. के रविंद्र धुमाले, बैंक एम्प्लाईज एसो. के पंकज गावंडे, स्वाभिमानी विद्युत वर्कर्स के सुनील देशमुख, विनोद गोरले, सीटू के अभय देव, रमेश सोनुले, विनोद गोरले, सरकारी कर्मचारी संगठन के एच. बी. घोम, ग्रामीण डाकसेवक के बी. पी. रिठे, अंगणवाडी-बालवाडी कर्मचारी यूनियन की मिरा कैथवास, पद्मा गजभिये, आशा व गट प्रवतर्क संगठन की वंदना बुरांडे, प्रफुल्ल देशमुख, घर कामगार मोलकरीन संगठन की इंदु बोके, बीएसएनएल कर्मचारी संगठन के आर. एस. राउत, इमारत निर्माण व्यवसाय कामगार संगठन के अंकुश वाघ, असंघटित निर्माण कामगार संगठन के नंदकिशोर नेतनराव, ग्राम पंचायत कर्मचारी महासंघ के संजय हाडके आदि उपस्थित थे.

* अंगणवाडी सेविकाओं ने किया थाली बजाओ आंदोलन
इस दो दिवसीय हडताल के तहत अंगणवाडी सेविका, मदतनीस व पर्यवेक्षिका कर्मचारी संगठन द्वारा आज जिला प्रशासन के जरिये केंद्र एवं राज्य सरकार को ज्ञापन सौंपने के साथ-साथ जिलाधीश कार्यालय के समक्ष धरना प्रदर्शन करते हुए थाली बजाओ आंदोलन भी किया गया. इस समय अंगणवाडी सेविका, सहायिका व पर्यवेक्षिका को पूर्णकालिक काम देते हुए सरकारी व अर्धसरकारी कर्मचारियों का स्तर लागू करने और जब तक यह स्तर लागू नहीं होता, तब तक अंगणवाडी सेविकाओं के लिए 18 हजार रूपये, सहायिका के लिए 15 हजार रूपये प्रतिमाह वेतन अदा करने की मांग की गई. साथ ही अंगणवाडी सेविकाओं व सहायिकाओं के सभी रिक्त पदों पर जल्द से जल्द नियुक्तियां किये जाने की मांग करते हुए उन्हें भाईदूज की भेट के तौर पर पांच हजार रूपये दिये जाने की मांग भी की गई. इसके अलावा संगठन के अन्य कई मांगों को लेकर भी सरकार व प्रशासन का ध्यान आकर्षित किया गया. इस आंदोलन में संगठन के अध्यक्ष संजय मापले, कार्याध्यक्ष रतन गुजर, जिलाध्यक्ष शालीनी देशमुख, सचिव चंदा नवले सहित जिले की सभी अंगणवाडी सेविका, सहायिका व पर्यवेक्षिका उपस्थित थे.

* विद्युत कर्मियों की हडताल भी दूसरे दिन रही जारी
इसके अलावा महाराष्ट्र राज्य विद्युत कर्मचारी, अधिकारी, अभियंता व ठेका नियुक्त कामगार संघर्ष समिती द्वारा भी लगातार दूसरे दिन अपनी हडताल को जारी रखा गया. स्थानीय विद्युत भवन के समक्ष लगातार दूसरे दिन हडताल में शामिल होकर निषेध प्रदर्शन करते हुए संघर्ष समिती के पदाधिकारियों ने सरकार की अन्यायपूर्ण नीतियों के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. साथ ही सरकारी नीतियों को लेकर अपने रोष व संताप का प्रदर्शन भी किया. इस समय कहा गया कि, राज्य के उर्जा सचिव व तीनों कंपनियों के व्यवस्थापन के साथ संघर्ष समिती के प्रतिनिधि मंडल की चर्चा के दौरान प्रलंबित मांगों व समस्याओं को लेकर कोई समाधान नहीं निकला है. जिसके चलते संघर्ष समिती ने हडताल का रास्ता अख्तियार किया है और यदि इस दो दिवसीय हडताल के बावजूद सरकार द्वारा प्रलंबित मांगों व समस्याओं को लेकर सकारात्मक विचार नहीं करती, तो आगे चलकर आंदोलन को और भी अधिक तीव्र किया जा सकता है.

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