* एक आरोपी दबोचा, दूसरे की तलाश
अमरावती/ दि. 6- मोर्शी- वरूड मार्ग पर मालू नदी पात्र में विगत जनवरी में मिली अज्ञात की लाश के बारे में आखिरकार पुलिस की सघन तहकीकात ने भयंकर सच उजागर किया. उस व्यक्ति की मृत्यु दुर्घटना न होकर कत्ल का मामला पुलिस जांच में उजागर हुआ है. एक आरोपी रोशन टाकरखेडे को पुलिस ने दबोच लिया है. उसके साथी आरोपी सिध्दू मुंदरे की तलाश जारी है. दोनों ही आरोपी अंबाडा के रहनेवाले है. इस घटना में राज उइके की हत्या की गई. वह मुलताई का रहनेवाला हैं. इस घटना में बगैर किसी ठोस सबूत के निरीक्षक श्रीराम लंबाडे, उप निरीक्षक शरद भागवत, सौरभ धर्मठोक और हे. कॉ. तायडे ने प्रभावी जांच पडताल की.
जानकारी के अनुसार गत 1 जनवरी को रात 8 बजे मालू नदी के पात्र में पुलिस को राज उईके का शव मिला. वह बुरी अवस्था में था. उसकी पहचान के लिए पुलिस को बडी मशक्कत करनी पडी. क्योंकि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी कोई सुराग पुलिस को नहीं लग पाया था. काफी दिनों बाद यहां वहां शव के चित्र भेजे जाने के पश्चात पुलिस ने अनुमान लगाया कि शव मध्यप्रदेश के व्यक्ति का हो सकता है. अत: एमपी के भी गांव देहात में शव की पहचान का प्रयास किया गया. पुलिस के प्रयत्नों को सफलता मिली. वह शव मूलताई के राज उईके का होने का खुलासा हुआ.
उसके परिजनों से पूछताछ करने पर पता चला कि वह उसके मित्र परसराम वरकडे के साथ नया साल मनाने गया था. किंतु पुलिस द्बारा लाख पूछने पर भी परसराम ने घटना की हकीकत नहीं बताई. दरअसल आरोपियों ने उसे भी मारने की धमकी दे रखी थी. ऐसे में पुलिस ने जांच जारी रखी. राज उईके के फोन रिकार्ड को देखा गया. उसमें रोशन टाकरखेडे का नाम सामने आया.
निरीक्षक लंबाडे और भागवत ने उससे पूछताछ की. रोशन पहले कुछ कहने तैयार नहीं हुआ. फिर उसने लडकी के प्रेम प्रकरण के कारण राज उईके का काम तमाम करने की बात कबूल की. उसी प्रकार पूरा घटनाक्रम पुलिस को कह सुनाया. राज उईके भी संतरा तोडने का काम करता था. उसकी एक युवती से पहचान बढी थी. जबकि उसी युवती से रोशन का भी कथित रूप से प्रेम प्रकरण था. इसलिए उसने राज को गत 1 जनवरी को मोर्शी में मालू नदी के पूल पर लाकर लोहे की राड से वार कर उसे नदी में धकेल दिया. पुलिस ने आरोपी को दफा 302, 201, 506 (2) , 34 के तहत बंदी बनाया है. आरोपी के डर से मृतक राज उईके का मित्र परसराम वरकडे पुलिस को हत्या की हकीकत बताने से बच रहा था.