अमरावती

विद्यापीठ के नये कुलगुरू की चयन प्रक्रिया लटकी

कोविड संक्रमण व लॉकडाउन के चलते

  • मौजूदा कुलगुरू का कार्यकाल खत्म हो रहा 2 जून को

अमरावती/प्रतिनिधि दि.१७ – संत गाडगेबाबा अमरावती विद्यापीठ के मौजूदा कुलगुरू डॉ. मुरलीधर चांदेकर का कार्यकाल आगामी 2 जून को खत्म होने जा रहा है. जिसमें अब केवल 15 दिनों का समय शेष बचा है. किंतु कोविड संक्रमण एवं लॉकडाउनवाले हालात के चलते राजभवन से फिलहाल नये कुलगुरू के चयन की प्रक्रिया शुरू नहीं की गई है. ऐसे में राज्यपाल कार्यालय से इसे लेकर हलचले कब शुरू होती है, इस ओर शैक्षणिक क्षेत्र से संबंधित सभी लोगोें की निगाहें लगी हुई है.
बता दें कि, नये कुलगुरू का चयन करने हेतु राज्यपाल द्वारा समिती गठित किया जाना आवश्यक है. इसके बिना कुलगुरू की चयन प्रक्रिया आगे नहीं बढती है. अमरावती विद्यापीठ के कुलगुरू का कार्यकाल खत्म होने में केवल 15 दिन का समय शेष रहने के बावजूद राजभवन द्वारा अब तक न तो समिती गठित की गई है और न ही कुलगुरू पद के लिए विज्ञापन ही जारी किया गया है. ऐसे में उच्च शिक्षा क्षेत्र से संबंधित और कुलगुरू पद के लिए पात्र कई लोगों की नजरें अब राजभवन की ओर लगी हुई है. ज्ञात रहें कि, अमरावती विद्यापीठ में फरवरी माह के दौरान नये कुलगुरू का चयन करने हेतु चयन समिती की सदस्य पद के लिए विद्यापीठ की व्यवस्थापन परिषद व विद्वत्त परिषद की संयुक्त बैठक हुई थी. जिसमें दिल्ली स्थित वीएचयू आयआयटी के संचालक प्रा. डॉ. संजीवकुमार जैन का सदस्य के तौर पर चयन करते हुए इससे संबंधित पत्र राज्यपाल भगतसिंह कोश्यारी को भेजा गया है. किंतु राज्यपाल नामित समिती के अध्यक्ष व सचिव का अब तक चयन नहीं हुआ है. वहीं अब मौजूदा कुलगुरू का कार्यकाल समाप्त होने में गिनकर 15 दिनों का समय शेष है. साथ ही इस समय राज्य में चहुंओर कोविड संक्रमण की भयावह स्थिति है. ऐसे में सबकी नजर इस ओर लगी हुई है कि, राजभवन द्वारा अमरावती विद्यापीठ के नये कुलगुरू हेतु चयन प्रक्रिया कब शुरू होती है.
कुलगुरू चयन समिती के अध्यक्ष पद पर सर्वोच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश अथवा उच्च न्यायालय के न्यायाधीश की नियुक्ति अपेक्षित होती है. इसी तरह सचिव पद पर राज्य के उच्च व तंत्रशिक्षा विभाग के प्रधान सचिव का चयन किया जाता है. किंतु इस समय राजभवन में भी कोविड वायरस के संक्रमण का प्रवेश हो चुका है. ऐसे में नये कुलगुरू के चयन हेतु राजभवन द्वारा प्रक्रिया शुरू करते हुए चयन समिती का गठन कब किया जाता है, इस ओर सभी की निगाहें लगी हुई है.

  • कुलगुरू डॉ. चांदेकर को मिल सकती है पदोन्नति

संगाबा अमरावती विद्यापीठ के कुलगुरू डॉ. मुरलीधर चांदेकर ने विगत कुछ वर्षों के दौरान केंद्र सरकार में अपनी अच्छी पकड बना ली है और वे फिलहाल यूजीसी की महाविद्यालयीन अनुदान समिती तथा बंगलुरू स्थित नैक समिती में भी कार्यरत है. ऐसे में पूरी संभावना है कि, अमरावती विद्यापीठ के कुलगुरू पद से निवृत्त होने के बाद उन्हें सीधे दिल्ली के केंद्रीय अनुदान आयोग में काम करने का अवसर मिल सकता है. विश्वसनीय सूत्रों के मुताबिक यूजीसी में किसी बडे पद पर विराजमान होने हेतु कुलगुरू डॉ. मुरलीधर चांदेकर द्वारा आवेदन भी किया जा चुका है.

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