अमरावतीविदर्भ

जिले में मंडरा रहा सूखे अकाल का साया

एक माह से बारिश नदारद, फसलें सूखने की कगार पर, किसान चिंता में

अमरावती /दि.5- विगत एक माह से शहर सहित जिले में बारिश लगभग नदारद है और अच्छी खासी धूप तप रही है. जिसके चलते गर्मी और उमस वाला वातावरण बन गया है. ऐसे वातावरण की वजह से कई स्थानों पर खरीफ की फसलें सूखने की कगार पर जा पहुंची है. जिन्हें देखकर किसान चिंता में डूब गए है. जिसका सीधा असर आगामी दिनों में मनाए जाने वाले किसानों को सबसे बडे पर्व पोला पर भी पडता दिखाई दे रहा है. क्योंकि पोले का पर्व मनाए जाने में अब केवल 8-9 दिनों का समय शेष है. लेकिन बाजार में अपने ‘सर्जा राजा’ का साज-श्रृंगार करने हेतु सामग्री खरीदने के लिए किसानों की उपस्थिति नहीं दिखाई दे रही. जिससे बाजार भी ठंडा पडा हुआ है.
बता दें कि, प्रतिवर्ष इस समय के आसपास मूंग और उदड का सीजन खत्म हो चुका रहता है तथा सोयाबीन की फल्लियां पकने की स्थिति में होती है. इसके अलावा कपास की फसल भी फूल व पत्तियों तक पहुंच चुकी होती है. जिन्हें देखकर किसानों की आंखों में हरी-भरी फसलों के सपने तैरते है और किसान बडे उत्साह के साथ अपने सर्जा राजा की जोडी का साज-श्रृंगार करते हुए पोले का पर्व मनाने की तैयारियों में जुट जाते है. परंतु इस बार बारिश के बीच में ही गायब हो जाने के चलते किसानों की उम्मीदों व सपनों पर पानी फिर गया है. जिसका सीधा असर पोले के पर्व पर दिखाई दे रहा है.
ज्ञात रहे कि, इस बार खरीफ के सीजन में मानसून करीब 3 सप्ताह की देरी से सक्रिय हुआ. जिसके बाद 5 जुलाई से शुरु हुई मूसलाधार बारिश और ओलावृष्टि के चलते जिले के 80 हजार हेक्टेअर क्षेत्र में फसलों का बडे पैमाने पर नुकसान हुआ. वहीं अगस्त माह पूरी तरह से सूखा बीत गया है और अब सितंबर माह में भी लगभग वहीं स्थिति है. इसके साथ ही बरसात के मौसम वाले 80 फीसद दिन बीत चुके है. जिसकी वजह से अब बारिश का बचा हुआ अनुशेष पूरा होना भी काफी मुश्किल है. ऐसे में किसानों की आशाओं व अपेक्षाओं पर पानी फिरता नजर आ रहा है.
* जिले में 41 फीसद बारिश कम
1 जून से 4 सितंबर की कालावधि के दौरान अमरावती जिले में 729 मिमी औसत बारिश होने की अपेक्षा रहती है. जिसकी ऐवज में इस बार 430.9 मिमी बारिश हुई. जो अपेक्षित औसत की तुलना में 59 फीसद है. यानि अमरावती जिले में अपेक्षा से 41 फीसद कम बारिश हुई है.
* फसलों का मुरझाना हुआ शुरु
दर्यापुर व अंजनगांव सुर्जी सहित 13 तहसीलों में बारिश में औसत स्तर को ही नहीं छूआ है तथा कुछ तहसीलों में 40 से 50 फीसद बारिश ही दर्ज हुई है. जिसकी वजह से जमीन में बडी तेजी के साथ आर्द्रता कम होती जा रही है और इसी वजह के चलते खरीफ की फसलें मुरझाना शुरु हो गई है.
* इस बार रबी का सीजन अधर में
बारिश के मौसम दौरान बरसने वाले पानी का जमीन में पुनर्भरण होता है और जमीन में आर्द्रता बढने के साथ भूजल स्तर में वृद्धि होती है. परंतु इस बार अपेक्षित व औसत बारिश में 51 फीसद की कमी रहने के चलते जमीन में आर्द्रता की कमी है. साथ ही भूगर्भ मेंं अपेक्षित जलभरण भी नहीं हो पाया है. जिसके चलते असिंचित क्षेत्र में रबी फसलों की बुआई कम होने के पूरे आसार है.
* जानवरों को कैसे मिलेगा चारा?
जानवरों के लिए हरे चारे की सख्त जरुरत होती है. परंतु इस बार बारिश का अभाव रहने के चलते हरी घास की भी उपलब्धता कम है. साथ ही फसलों की स्थिति भी चिंताजनक है और फसलें सूखने लगी है. ऐसे में जानवरों के लिए हरा चारा उपलब्ध होने को लेकर मुश्किलें दिखाई दे रही है.
* बारिश में प्रदीर्घ खंड पड जाने की वजह से दर्यापुर व अंजनगांव सुर्जी तहसील सहित कई क्षेत्रों में फसलों के सूखने का खतरा पैदा हो गया है. ऐसी स्थिति में आवश्यक व्यवस्थापन को लेकर किसानों को जागरुक किया जा रहा है. जारी सप्ताह मेें बारिश की संभावना रहने के चलते किसानों को राहत मिल सकती है.
– उज्वल आगरकर,
उपसंचालक (कृषि)
* किस बांध में कितने फीसद जलसंग्रह
बांध जलसंग्रह  (%)
अप्पर वर्धा      91.42
शहानूर          63.25
चंद्रभागा        85.09
पूर्णा              79.66
सापन            78.19
पंढरी            32.62
बोर्डी नाला     61.58

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