अमरावती

निकाला गया गाद नाले के किनारे पर ही

शहर के कुछ ही नालों की सफाई

मनपा द्वारा समयावधि बढ़ाने की मांग
अमरावती/दि.15- बारिश के दिनों में शहर में बाढ़ सदृश्य स्थिति निर्माण न हो, इसके लिए नाले का मलबा निकाला जाता है. लेकिन निकाला गये गाद को ठिकाने लगाने की यंत्रणा मनपा द्वारा कार्यान्वित न किए जाने से वह नाले के किनारे पर ही लगाया जा रहा है. जिसके चलते वह बारिश के दिनों में बाढ़ के पानी से फिर से नाले में आकर बाढ़ समान स्थिति निर्माण होने की संभावना है. गाद निकालने के लिए 35 लाख रुपए खर्च हो रहे हैं.
शहर के 18 बड़े व 22 छोटे नालों की बारिश से पूर्व साफ सफाई हेतु मनपा द्वारा 16 मार्च से शुरुआत की गई है. 17 मई तक इस काम की समयावधि है. बावजूद इसके अब तक पूरी सफाई नहीं हुई है. निकाला गया गाद नाले के किनारे पर ही लगाया जा रहा है. गाद निकालने के काम हेतु मनपा द्वारा एक पोकलैंड व 2 जेसीबी सहित ठेके पर दो पोकलैंड व एक जेसीबी लगाये गए हैं. 17 मई तक सभी नाले साफ होना अपेक्षित होने के बावजूद यह काम पूर्ण न होने के कारण अवधि बढ़ाने की मांग की गई है.
अठारह बड़े नालों में से 9 व 22 छोटे नलिों में से 12 नालों का गाद अब तक निकालना बाकी है. साफ किए गए नालों का गाद निकालकर वह नाले के किनारे पर ही लगाया गया है. प्रति वर्ष बड़े नालों को बाढ़ आती है व नालों के ऊपर पुल में अटककर आजू बाजू के परिसर में बाढ़ का पानी घुस जाता है. निकाले गए गाद को हटाने के लिए मनपा के पास स्वतंत्र यंत्रणा न होने का युक्तिवाद मनपा प्रशासन की ओर से किया जाता है. 17 मई को इस काम की अवधि समाप्त हो रही है. इस पर 30 से 35 लाख रुपए खर्च होने वाले हैं. अब तक सभी नाले साफ न किए जाने से अवधि बढ़ाने की मांग की गई है. मार्च व अप्रैल में हुई बारिश के कारण काफी समय व्यतीत होने से अवधि में काम न होने से अवधि बढ़ाने की मांग किये जाने की जानकारी है.
* संवेदनशील भाग
अंबादेवी मंदिर के पास का पुल, नवाथे नाला (रविनगर रोड), हरीयाली होटल के पास का पुल, साईनगर रोड, हिंदू स्मशान भूमि नाले पर का पुल, समाधानगर नाला, वालकट कंपाऊंड, दीपा शाला, औरंगपुरा जोडमोह नाले का पुल, लालखड़ी भाग में बाढ़ स्थिति के लिए संवेदनशील भाग है.

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