* राज्य के कृषिमंत्री दादाजी भुसे केंद्रीय मंत्री से करेंगे चर्चा
अमरावती/ दि.19 – रशिया-युके्रन युद्ध शुरु हुए लगभग 20 दिन हो चुके है. दोनो ही देशों के बीच युद्ध के चलते पहले खाद्य तेलों के भाव ने आसमान छूआ था अब युद्ध का परिणाम खाद की किमतों पर भी दिखाई दे रहा है. जिसमेें ईधन के साथ-साथ अब खाद के दामों में भी वृद्धि होने की संभावनाएं विशेषज्ञों व्दारा व्यक्त की जा रही है. जिसको लेकर राज्य सरकार की चिंता बढ गई है.
आगे मनपा, जिप व पस के चुनाव है, बढती किमतों के कारण सर्वसाधारण लोगों व किसानों पर भी इसका असर दिखाई दे रहा है. कृषि तज्ञों के अनुसार रशिया व बेलारु से देश में बडी प्रमाण में पोटेश व फासफोरस का आयात किया जाता है. दोनो ही घटक खाद निर्मिती के लिए आवश्यक हैं. कच्चे माल का आयात युद्ध के चलते प्रभावित हुआ है जिसमें खादों के दाम पुन: एक बार बडे प्रमाण में बढाए जाने की संभावना व्यक्त की जा रही है.
रशिया व बेलारु से 15 फीसदी आयात
राज्य के कृषिमंत्री दादाजी भुसे ने बताया कि, रशिया व बेलारु से आवश्यक खाद में से 15 फीसदी खाद रशिया-बेलारु से आयात की जाती हैं. किंतु दोनो ही देशों के बीच युद्ध के चलते आयात प्रभावित हुआ है और भविष्य में खादों के दाम बढने की संभावना हैं. जिसमें वे खाद की दिक्कत व दामवृद्धि को लेकर जल्द ही दिल्ली में केंद्रीय खाद व रसायनमंत्री मनसुख मांडवीय से भेंट कर चर्चा करेंगे.