* 15 केे बाद शुरू होगी मान्सून की वापसी
अमरावती/दि.11- इस समय तमिलनाडू से लेकर राजस्थान तक तैयार हुई द्रोणिय रेखा के चलते राज्य में एक बार फिर मान्सून सक्रिय हो गया है और अगले तीन दिनों के दौरान विदर्भ सहित कोंकण व मध्य महाराष्ट्र में मध्यम स्तर की बारिश होने का अनुमान है. साथ ही कुछ स्थानों पर बिजली की तेज गडगडाहटों के साथ मूसलाधार बारिश भी हो सकती है, वहीं 15 अक्तूबर के बाद आर्द्रता का प्रमाण कम होने पर राज्य से मान्सून की वापसी का सफर शुरू होने का अनुमान है.
उल्लेखनीय है कि, विगत दो दिनोें से विदर्भ क्षेत्र में अलग-अलग स्थानों पर बारिश हो रही है. साथ ही आज सुबह अमरावती शहर सहित जिले में भी झमाझम पानी बरसा. हालांकि अब तक वापसी की बारिश का महाराष्ट्र में आगमन नहीं हुआ है, बल्कि मान्सूनी हवाएं इस समय गुजरात, मध्यप्रदेश व उत्तर प्रदेश सहित देश के उत्तरी राज्यों में है. 5 अक्तूबर तक मान्सून की महाराष्ट्र में वापसी होना अपेक्षित था. परंतु इसमें थोडा विलंब हुआ है और अब मान्सूनी हवाएं धीरे-धीरे महाराष्ट्र की ओर बढ रही है. जिसके चलते राज्य में अलग-अलग स्थानों पर बारिश हो रही है.
श्री शिवाजी कृषि महाविद्यालय के मौसम विभाग प्रमुख प्रा. अनिल बंड के मुताबिक विदर्भ में अगले दो-तीन दिनोें के दौरान अच्छी-खासी बारिश होने का अनुमान है. वहीं 13 व 14 अक्तूबर के बाद आर्द्रता में कुछ कमी आयेगी. जिसके बाद बारिश का जोर कम होगा और 15 अक्तूबर से मान्सून की वापसी की यात्रा शुरू होगी.
* बांध फिर हुए लबालब, जलविसर्ग शुरू
बारिश के जारी मौसम में अमरावती संभाग सहित समूचे विदर्भ क्षेत्र में चहुंओर झमाझम पानी बरसा है. जिसके चलते क्षेत्र के सभी छोटे, बडे व मध्यम जलप्रकल्प पूरी तरह से लबालब भर गये है. ऐसे में बांधों में जलस्तर को नियंत्रित रखने हेतु कई बांधों से जलविसर्ग करना शुरू किया गया है. वहीं अब वापसी की बारिश के चलते बांधों में एकबार फिर जलस्तर उंचा उठना शुरू हो गया है. जिसे देखते हुए कई बांधों से दुबारा जलविसर्ग किया जा रहा है.
अमरावती जिले के सबसे बडे बांध अप्पर वर्धा प्रकल्प में इस समय 100 फीसद जलसंग्रहण हो चुका है और बांध के जलसंग्रहण क्षेत्र में झमाझम बारिश होने की वजह से अब भी बांध में प्रति सेकंड 123 घनमीटर पानी की आवक हो रही है. जिसे ध्यान में रखते हुए बांध के तीन दरवाजों को 25 सेमी खुला रखकर प्रति सेकंड 125 घनमीटर पानी को नदी में छोडा जा रहा है. इसके अलावा मध्यम श्रेणीवाले शहानूर बांध में 45 दलघमी (99 फीसद), चंद्रभागा बांध में 40 दलघमी (97 फीसद), पूर्णा बांध में 32 दलघमी (93 फीसद), सापन बांध में 37 दलघमी (97 फीसद) तथा पंढरी बांध में 18 दलघमी (32 फीसद) जलसंग्रहण हो चुका है. इसमें से पंढरी प्रकल्प को छोडकर शेष सभी मध्यम जलप्रकल्पों से जलविसर्ग करना शुरू है.