प्रदेश का पहला आदिवासी विवि नाशिक में
शीघ्र होगी 240 करोड में नवनिर्मिती
* 35 हजार वर्ग मीटर में अनेक कोर्सेस
अमरावती/दि. 2 – प्रदेश का पहला आदिवासी विश्वविद्यालय नाशिक जिले में स्थापित होने की संभावना है. 35 हजार वर्गमीटर में साकार होने जा रहे विश्वविद्यालय के लिए 240 करोड का प्रावधान किया जा रहा है. यह जानकारी उच्च व तकनीकी शिक्षा मंत्री द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट में दी गई है. जगह तय हो जाने का दावा कर बताया गया कि, प्रदेश के आदिवासी विद्यार्थियों को इस विद्यापीठ में बडी सुविधा होगी. मंत्री चंद्रकांत दादा पाटिल के समक्ष विद्यापीठ प्रारुप का प्रेझेंटेशन होने की जानकारी दी गई.
* 160 अध्यापक, कर्मचारी
प्रेझेंटेशन के अनुसार विश्वविद्यालय में 160 अध्यापक तथा शिक्षकेत्तर कर्मचारी रहेंगे. अनेक कोर्सेस यहां पढाए जाएंगे. संशोधन के अवसर भी विश्वविद्यालय में उपलब्ध रहेंगे, यह जानकारी शिक्षा विभाग द्वारा नियुक्त समिति की रिपोर्ट में दी गई है. आदिवासियों को सक्षम बनाने उन्हें आधुनिक शिक्षा देना आवश्यक है. इसलिए विद्यापीठ की स्थापना की जा रही है. सभी प्रकार की शिक्षा के साथ इंजीनियरिंग की शिक्षा यहां उपलब्ध होगी. प्रस्ताव को व्यावहारिक समिति के सामने इसी सप्ताह रखा जाएगा. जिसके बाद अंतिम निर्णय होने की संभावना एक उच्च अधिकारी ने व्यक्त की.
* यह कोर्सेस पढाए जाएंगे
विश्वविद्यालय में विविध विभागों और केंद्रो की रेलचेल रहेगी. अभियांत्रिकी, पर्यावरण शास्त्र, सूचना और संचार तकनीक, आयुर्वेद शास्त्र, स्वास्थ, फार्मसी, इतिहास, संस्कृति, आदिवासी भाषा और साहित्य, आदिवासी अभ्यास, डेवलपमेंटल स्टडीज, सांस्कृतिक विरासत, कृषि विज्ञान आदि अनेक अभ्यासक्रम के साथ संशोधन भी प्रस्तावित विश्वविद्यालय में उपलब्ध होंगे.
* देश में फिलहाल दो विवि
फिलहाल देश में दो ही आदिवासी विश्वविद्यालय है. जिसमें मध्य प्रदेश के इंदिरा गांधी राष्ट्रीय आदिवासी विद्यापीठ और आंध्र प्रदेश में केंद्रीय आदिवासी विद्यापीठ का समावेश है.