व्याघ्र प्रकल्प के अडियल रवैये से मेलघाट का विकास रुका
जारिदा सबस्टेशन तैयार रहने के बावजूद नहीं हो पा रहा लोकार्पण
* अभी भी मेलघाट के 77 गांव अंधेरे में
* विधायक राजकुमार पटेल ने सडक, बिजली, पानी के प्रश्न को लेकर कलेक्ट्रेट में ली समीक्षा बैठक
* समस्याएं हल न होने पर बारिश के बाद दी जनआंदोलन की चेतावनी
अमरावती/दि. 2 – मेलघाट के चिखलदरा और धारणी तहसील के 77 गांव वनविभाग के अडियल रवैये से अभी भी अंधेरे में है. टाईगर प्रोजेक्ट के नाम पर विकासकार्यो को मंजूरी न देने से मेलघाट में अभी भी सडक, बिजली और पानी सहित विविध समस्या कायम है. इसी समस्याओं को लेकर आज मेलघाट के विधायक राजकुमार पटेल ने जिलाधिकारी कार्यालय में संबंधित अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की. इस अवसर पर जिलाधिकारी सौरभ कटियार को यह सभी समस्याएं हल न होने पर बारिश के बाद आदिवासियों के साथ जनआंदोलन करने की चेतावनी दी है.
विधायक राजकुमार पटेल ने आज की इस समीक्षा बैठक में बताया कि, काटकुंभ के पास जारिदा सबस्टेशन बनकर तैयार है. केवल बटन दबाने की आवश्यकता है. सबस्टेशन शुरु होते ही परिसर के 55 गांव को बिजली मिलना शुरु हो जाएगा. वर्षो से अंधेरे में पडे इन गांवों में जगमगाहट होगी. जहां पहले 11 केवी का सबस्टेशन था. जो अब 33 केवी का हो गया है. बैतूल जिले के कोयनारी से यहां यह लाईन लाई गई है. लेकिन बिजली चालू करने वनविभाग ने रोक लगा रखी है. 1984 में इस सबस्टेशन के लिए जितना ले-आऊट था और निर्माणकार्य किया गया था. उतनी ही जगह पर इस सबस्टेशन का निर्माण किया गया है. लेकिन इसे बेवजह अतिक्रमण के नाम पर वनविभाग ने रोककर रखा है. बारिश के बाद आदिवासी किसानों को खेतो में काम करना पडता है. उस समय गेंहू और चने की फसल किसानों के हाथ लगती है. यदि आदिवासी बंधुओं को अतिक्रमण के नाम पर यदि वनविभाग द्वारा रोका गया तो आदिवासियों के साथ तीव्र आंदोलन किया जाएगा. इसी तरह मेलघाट के अन्य 22 गांव अंधेरे में है. वहां अभी भी बिजली नहीं है. शासन से भी इस गांव में बिजली लाने को मंजूरी मिली है. लेकिन अतिक्रमण के नाम पर वनविभाग मंजूरी प्रदान नहीं कर रहा है. साथ ही जारिदा-खंडूखेडा और रुईफाटा-पिपादरी मार्ग का भी निर्माण वनविभाग ने रोक रखा है. इन दोनों मार्ग का निर्माण प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री ग्राम सडक योजना के तहत किया जाना है. लेकिन निर्माणकार्य को अब तक अनुमति न दिए जाने से काम प्रलंबित है. वहीं सेमाडोह-हतरु मार्ग का खडीकरण किया गया. लेकिन बारिश के दिनों में यह मार्ग उखड गया. दिपावली के बाद इस मार्ग की अवस्था पहले जैसी हो जाएगी. मेलघाट में बिजली, पानी और सडक का गंभीर प्रश्न रहने के कारण ही कर्मचारी यहां काम करने तैयार नहीं है. आदिवासियों को पानी की सुविधा नहीं है. इसके अलावा हरिसाल में 30 बेड के हॉस्पिटल को राज्य शासन द्वारा मंजूरी दिए जाने के बावजूद अस्पताल के निर्माण के लिए जगह नहीं है. कुछ दूरी पर जो जगह है वह व्याघ्र प्रकल्प की है. राजकुमार पटेल ने आदिवासियों की सुविधा के लिए इस जगह की मांग आज की इस बैठक में की. तब इस संबंध में प्रशासन ने प्रस्ताव मांगा है. साथ ही विधायक राजकुमार पटेल ने यशवंतराव चव्हाण घरकुल योजना के तहत मेलघाट के गरीब आदिवासियों के 600 से 700 घरकुल का प्रस्ताव अब तक प्रलंबित रहने का प्रश्न भी उपस्थित किया. जिलाधिकारी भी सभी प्रश्नो को सुनने के बाद संबंधित अधिकारियों को इसे गंभीरता से लेकर पूर्ण करने की सूचना दी है. वहीं जारिदा सबस्टेशन व 22 अन्य गांव की बिजली समस्या हल करने के लिए अब सीसीएफ से प्रस्ताव पर हस्ताक्षर होने के बाद उसे दिल्ली भेजने का निर्णय लिया गया है और उसे तत्काल भेजकर जारिदा सबस्टेशन शुरु करने की प्रक्रिया की जानेवाली है. समस्याएं हल न होने पर विधायक राजकुमार पटेल ने जिला प्रशासन व वनविभाग को बारिश के बाद जनआंदोलन करने की चेतावनी दी है.