अमरावती/दि.9 – स्थानीय राजापेठ के उडानपुल सहित दर्यापुर में छत्रपति शिवाजी महाराज का पुतला स्थापित किये जाने का मामला जिले की सांसद नवनीत राणा ने कल मंगलवार 8 फरवरी को संसद में उठाया.
सांसद नवनीत राणा ने इस विषय को लेकर संसद में अपने विचार रखते हुए कहा कि, राजमाता जीजाऊ की जयंती अवसर पर 12 जनवरी को हजारों शिवभक्तों व शिवप्रेमियों ने अमरावती व दर्यापुर में छत्रपति शिवाजी महाराज का पुतला स्थापित किया था. राजापेठ में शिवप्रतिमा स्थापित करने हेतु विगत तीन वर्षों से अनुमति मांगी जा रही है. किंतु इसे प्रशासन द्वारा अनुमति नहीं दी जा रही थी. पश्चात जीजाऊ जन्मोत्सव पर राजापेठ रेलवे ओवरबिज पर पुतला स्थापित करने के बाद वहां रोजाना पुतले का दूध से अभिषेक किया जा रहा था और आरती की जा रही थी. जिसके चलते वहां पर शिवतीर्थ बन गया था. किंतु 16 जनवरी की रात राजापेठ रेलवे ओवरब्रिज व 17 जनवरी की रात दर्यापुर में स्थापित छत्रपति शिवाजी महाराज के पुतलों को छेनी-हतौडी जैसे औजारों का प्रयोग करते हुए हटा दिया गया. यह सीधे-सीधे महाराष्ट्र के आराध्य दैवत छत्रपति शिवाजी महाराज का अपमान है. सांसद नवनीत राणा के मुताबिक छत्रपति शिवाजी महाराज की ओर उंगली उठानेवालों की उंगलियां काट देने की ताकत शिवसेना प्रमुख बालासाहब ठाकरे में थी. किंतु आज उनके ही पुत्र उध्दव ठाकरे शिवसेना के पार्टी प्रमुख रहने के साथ-साथ महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री भी है और उसी महाराष्ट्र में छत्रपति शिवाजी महाराज का पुतला स्थापित करने के लिए आज इतना परिश्रम करना पड रहा है, वहीं सरकार द्वारा पुलिस विभाग का प्रयोग करते हुए पुतला हटाने की कार्रवाई करते समय सांसद और विधायक को घर में नजरबंद रखने का काम भी किया गया. यह पूरी तरह से गलत है.
अपने विचार व्यक्त करने हेतु आवंटित समय के पूरा हो जाने की वजह से सांसद नवनीत राणा अपनी बात को पूर्ण नहीं कर पायी. इसलिए उन्होंने पीठासीन अध्यक्ष से एक मिनट का अतिरिक्त समय भी मांगा. किंतु अध्यक्ष ने उनकी मांग को नकारते हुए अन्य सदस्य को अपनी बात रखने का अवसर दिया.