अमरावती

आपूर्ति विभाग ने दिए अंकुरित अनाज खरीदी के आदेश

आदिवासियों का मक्का, ज्वारी की खरीदी शुरु हुई एक माह देरी से

परतवाड़ा/दि.9– राज्य के आदिवासी क्षेत्र में किसानों की लूट न हो, इसके लिए आधारभूत कीमत में खरीदे जाने वाले मक्का, धान, ज्वारी व अन्य अनाजों का मुहूर्त एक महीने देरी से निकला. मंगलवार को राज्य के अन्न व नागरी आपूर्ति विभाग ने आदेश जारी किए. मात्र, मेलघाट का कम से कम डेढ़ लाख क्विंटल मक्का खरीदी निजी व बाजार समिति के व्यापारियों द्वारा कम कीमत में खरीदने से लाखों का फटका गरीब आदिवासियों को बैठा है.
राज्य में आदिवासी भाग में 1 नवंबर से अंकुरित अनाज की खरीदी आदिवासी विकास महामंडल मार्फत की जाती है. मेलघाट में दो लाख से अधिक क्विंटल मक्के की उपज हुई है. वहीं अन्य भागों में धान उत्पादक किसान बड़े पैमाने पर है. किसानों का अनाज पोर्टल पर सातबारा के अनुसार पंजीकृत किया गया. 1137 किसानों ने मेलघाट में मक्का दर्ज कराया था. अनाज घर में ही पड़े रहने से व महामंडल को अनाज व नागरी आपूर्ति विभाग के खरीदी के आदेश न होने से यह खरीदी नहीं हो सकी थी. इस बारे में संचालक पूर्व विधायक केवलराम काले, विधायक राजकुमार पटेल ने भी तुरंत ही खरीदी की मांग की थी. जिस पर से अब एक महीना देरी से ही सही खरीदी शुरु होगी.
आदिवासियों के खेतमाल को उचित दाम मिले, इसके लिए यह योजना है फिर भी एक महीने देरी से खरीदी शुरु हुई. जिसके चलते धारणी व चिखलदरा तहसील के किसानों ने डेढ़ लाख क्विंटल मक्का 1350 से 1550 रुपए कीमत से निजी व्यापारी व अचलपुर बाजार समिति में बेचा. शासन की आधारभूत दर मक्का 1870, ज्वारी संकरित 2738 रुपए कीमत है.500 से 300 रुपए तक आदिवासियों को मक्का बिक्री में नुकसान हुआ.
अंकुरित अनाज खरीदी संदर्भ में शासन का आदेश प्राप्त हुआ है. 7 दिसंबर 2020 से 31 जनवरी 2022 तक पोर्टल पर पंजीकृत किसानों का मक्का, ज्वारी प्राधान्य क्रम से खरीदी की जाएगी.
– नरेन्द्र रणमले, व्यवस्थापक, आदिवासी विकास महामंडल धारणी

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