अमरावती

कागजों पर ही है कपास का समर्थन मूल्य

दीपावली के मुहाने पर हो रही समस्याएं

अमरावती/दि.१३ – इस समय जहां एक ओर अतिवृष्टि की वजह से खेती-किसानी में जबर्दस्त नुकसान हुआ है. वहीं दूसरी ओर गुलाबी इल्लियों के हमले की वजह से भी कपास की फसल का बडे पैमाने पर नुकसान हुआ है. ऐसे में ग्रामीण इलाकों में किसान गुलाबी इल्लियों के हमले से बची अपनी फसल को अपने घर लाने के काम में लगे हुए है, लेकिन इस वक्त बाजार में किसानों को कपास का न्यूनतम गारंटी मूल्य भी नहीं मिल रहा. जिसकी वजह से ऐन दीपावली जैसे पर्व के मुहाने पर किसानोें में काफी निराशा का माहौल है. बता दें कि, इस समय खुले बाजार में कपास को प्रति qक्वटल केवल ४ हजार ६०० रूपये के दाम ही मिल रहे है.
उल्लेखनीय है कि इस बार अच्छी बारिश की वजह से कपास की उपज काफी अच्छी थी, लेकिन जैसे ही आगे चलकर असमय बारिश होनी शुरू हुई, वैसे ही गुलाबी इल्लियों का प्रादुर्भाव भी बढने लगा और कपास की फसल संकट में फंसती नजर आयी. मान्सून की वापसी के दौरान हुई बारिश और गुलाबी इल्लियोें के संक्रमण की वजह से कपास की फसल बडे पैमाने पर खराब हुई है. जिसकी वजह से कई लोगों ने अपने खेतों में खडी कपास की फसल पर ट्रैक्टर घुमाते हुए अब रबी फसलों के बुआई की तैयारी शुरू कर दी है. वहीं इस बुआई के लिए भी किसानों को पैसों की जरूरत पडना तय है. ऐसे में बडी मेहनत से उगाई गयी अपनी कपास को किसान बाजार में औने-पौने दाम पर बेच रहे है.
ज्ञात रहे कि, जिले के चांदूरबाजार, अचलपुर, अंजनगांव व दर्यापुर सहित चिखलदरा तहसील में कपास की फसल बडे पैमाने पर उगाई जाती है. इस बार कपास के लिए सरकार द्वारा ५ हजार ८५० रूपयों का न्यूनतम गारंटी मूल्य घोषित किया गया है, लेकिन अब तक सरकारी खरीदी केंद्र ही शुरू नहीं हुआ है. ऐसे में किसानों को अपनी कपास खुले बाजार में बेचनी पड रही है और खुले बाजार के निजी व्यापारियों द्वारा किसानों से उनकी उपज औने-पौने दाम पर खरीदी जा रही है. जानकारी के मुताबिक इस समय खुले बाजार में अच्छी गुणवत्तावाली कपास को ४ हजार ६०० रूपये प्रति क्विंटल का दाम मिल रहा है. जिसकी वजह से किसानों को सीधे-सीधे प्रति qक्वटल करीब १२०० रूपये के नुकसान का सामना करना पड रहा है.

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