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अमरावती /दि. 28– करीब एक साल पहले अमरावती-नागपुर हाईवे पर तिवसा के पास स्थित पेट्रोल पंप पर डाका पडा था. साथ ही बेहद भीडभाड वाले स्थान पर स्थित भारतीय स्टेट बैंक के एटीएम को फोडकर लाखों रुपयों की नकद रकम चुरा ली गई थी. इस घटना की विगत दिनों तिवसा शहर में एक बार फिर पुनरावृत्ति हुई, जब विगत बुधवार को तडके अज्ञात चोरों ने तिवसा स्थित स्टेट बैंक के उसी एटीएम को निशाना बनाते हुए एटीएम में रखी लाखों रुपए की नकद को चुरा लिया और एटीएम को भी जला दिया. साथ ही ऐसा करते समय सुरक्षा रक्षकों ने एटीएम व बैंक परिसर में लगे सीसीटीवी कैमरे पर रंगीन स्प्रे का छिडकाव भी कर दिया था. ताकि उनकी हरकत सीसीटीवी फूटेज में कैद न हो सके. ऐसे में कहा जा सकता है कि, भले ही अब सुरक्षा रक्षकों के स्थान पर सीसीटीवी कैमरे व अलार्म जैसे हाईटेक सुरक्षा इंतजाम किए जा रहे है, परंतु इसके बावजूद चोरी की वारदाते रुक नहीं रही है. बल्कि चोर ऐसे सुरक्षा इंतजामों को धता बताते हुए पहले से अधिक चोरियां कर रहे है.
उल्लेखनीय है कि, इससे पहले बैंकों सहित सभी महत्वपूर्ण कार्यालयीन स्थानों पर नाईट ड्यूटी में चौकीदार यानी सुरक्षा रक्षक की नियुक्ति हुआ करती थी. जिसके चलते ऐसी घटनाओं को रोकने या फिर ऐसी कोई घटना घटित होने पर पुलिस को उपयुक्त जानकारी मिलने में सहायता हुआ करती थी. परंतु टेक्नॉलॉजी वाला दौर शुरु होते ही सरकारी कार्यालयों एवं बैंक जैसे अति संवेदनशील स्थानों के सुरक्षा रक्षकों को हटा दिया गया और सुरक्षों का स्थान सीसीटीवी कैमरों ने ले लिया. जिसे लेकर एक आम धारना बनी कि, अगर कोई
घटना घटित होती है तो सीसीटीवी कैमरो में अपराधियों की प्रत्येक गतिविधि कैद हो जाएगी. परंतु अपराध क्षेत्र में महारथ हासिल रखनेवाले चोरों ने तकनीकी विशेषज्ञों की इस धारणा को गलत साबित कर दिया है. जिसके तहत चोरों द्वारा सीसीटीवी कैमरों पर वारदात से पहले स्प्रे मारते हुए एक तरह से आंखों में धूल झोंकने का काम किया जा रहा है. जिसके चलते सीसीटीवी फूटेज में घटना को लेकर कोई गतिविधि दर्ज ही नहीं हो रही.
विशेष उल्लेखनीय है कि, इसके पहले सुरक्षा रक्षक के ड्यूटी पर तैनात रहते समय कोई घटना घटित होने पर सुरक्षा रक्षक के खिलाफ कार्रवाई की जाती थी अथवा उसे काम से हटा दिया जाता था. परंतु अब तो सुरक्षा रक्षक की ड्यूटी ही नहीं है और सीसीटीवी कैमरे पर कोई कार्रवाई भी नहीं की जा सकती.
* पुलिस की पेट्रोलिंग भी बंद
कुछ समय पहले पुलिस द्वारा आधी रात के बाद से तडके तक नाईट पेट्रोलिंग की जाती थी. जिसके तहत तहसील एवं शहरी क्षेत्र की सरकारी बैंको को भेंट देते हुए वहां के रजिस्टर में अपनी विजीट को दर्ज किया जाता था परंतु धीरे-धीरे यह कार्यपद्धति भी खत्म हो गई.
* पूरी सुरक्षा सीसीटीवी पर निर्भर
इन दिनों बडे-बडे प्रतिष्ठानों को रात के समय बंद करने के बाद उनकी पूरी जिम्मेदारी एक तरह से सीसीटीवी कैमरों पर सौंप दी जाती है. लेकिन तिवसा में हुई घटना के चलते यह स्पष्ट हो गया है कि, अब केवल सीसीटीवी कैमरो पर निर्भर रहना व्यवसायिक व वित्तिय संस्थाओं के लिए काफी महंगा साबित होनेवाला है.
* गोरखा की सीटी भी गायब
करीब एक दशक पहले से रिहायसी इलाकों में रात के समय गोरखा द्वारा गश्त लगाते हुए चौकीदारी का काम किया जाता था और देर रात तक गोरखा की सीटी सुनाई दिया करती थी. परंतु इसकी ऐवज में नागरिकों की ओर से बेहद कम मुआवजा मिलने के चलते आज शहर सहित गांवों से गोरखा भी नदारद हो गए है.
* अब लॉकर बनेंगे चोरों का निशाना
फिलहाल चोरों के रडार पर एटीएम है. वहीं चोरी हेतु अत्याधुनिक तकनीक व सामग्री से लैस रहनेवाले पेशेवर अपराधियों की वक्रदृष्टि जल्द ही बैंकों के भीतर रहनेवाले लॉकर पर भी पड सकती है. ऐसे में समय रहते बैंकों में नकद रकम व लॉकरों की सुरक्षा के लिहाज से आवश्यक कदम उठाए जाने की जरुरत है.