अमरावती – केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा मंजूर की गई नई राष्ट्रीय शैक्षणिक नीति पर प्रत्यक्ष अमल करते समय राज्य सरकार के अधीन रहनेवाले शिक्षक ही सही मायनों में सूत्रधार रहेंगे. इस नीति के क्रियान्यन की योग्य प्रक्रिया निश्चित करते समय देशभर के शिक्षकों से सुझाव संकलित किये जा रहे है.
जिसके आधार पर ही नया राष्ट्रीय पाठ्यक्रम प्रारूप तैयार किया जायेगा. इस संदर्भ में केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय की सचिव अनिता करवल द्वारा राज्य के शिक्षा सचिव को पत्र भेजा गया है. साथ ही सोमवार से ही शिक्षकों हेतु केंद्र सरकार की वेबसाईट पर सुझाव दर्ज करने की सुविधा उपलब्ध करवायी गयी है. आगामी ३१ अगस्त तक राज्य के सरकारी व निजी शालाओं सहित विभिन्न मंडलों से संलग्नित रहनेवाली शालाओं के शिक्षक नई शैक्षणिक नीति और उसके क्रियान्वयन को लेकर केंद्र सरकार की वेबसाईट पर अपने सुझाव दर्ज कर सकेंगे.
इसमें भी यह विशेष उल्लेखनीय है कि, इसमें अधिकाधिक शिक्षकों को सहभागी करने हेतु राज्य शैक्षणिक संशोधन व प्रशिक्षण संस्था, जिला शिक्षण व प्रशिक्षण संस्था, जिला शिक्षणाधिकारी तथा ग्रामीण क्षेत्र के गट संसाधन केंद्रों पर वीडियो कांफे्रेंसिंग तथा अन्य माध्यमों के अवलंबन की जिम्मेदारी सौंपी गयी है.
शिक्षकों के सुझावों पर ऐसे होगा अमल
इनोवेट इंडिया नामक वेबसाईट पर शिक्षकों को अपने सुझाव दर्ज करने है. जिसके लिए इस वेबसाईट पर शिक्षा नीति के एक-एक घटक को अलग-अलग स्वरूप में देकर कुछ सवाल दिये गये है. जिन पर शिक्षकों को अपने जवाब देने है. ३१ अगस्त तक प्राप्त होनेवाले सभी सुझावों का राष्ट्रीय शैक्षणिक संशोधन व प्रशिक्षण संस्था के विशेषज्ञों की टीम द्वारा परीक्षण किया जायेगा. अब राष्ट्रीय पाठयक्रम प्रारूप तथा नीति के क्रियान्वयन हेतु उपयुक्त साबित होनेवाले सुझावों को लेकर संबंधित शिक्षकों से व्यक्तिगत संपर्क साधा जायेगा.