निरी के दल ने अमरावती पहुंचकर किया सुकली कंपोस्ट डिपो का जायजा
मामला मनपा पर लगाए 47 करोड़ के जुर्माने का
* सुको के निर्देश पर मनपा ने निरी को जांच के लिए सौंपे 8 लाख
अमरावती/दि.8- अमरावती मनपा के सुकली कंपोस्ट डिपो के प्रदूषण को लेकर केंद्रीय हरीत लवाद ने 47 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया है. जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने सुकली कंपोस्ट डिपो से निकलने वाले सॉलिड वेस्ट मेनेजमेंट रुल्स 2016और बायोमेडिकल वेस्ट मेनेजमेंट रुल्स का मनपा द्वारा कितना पालन किया जा रहा है, इस बाबत पता लगाने के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा राष्ट्रीय पर्यावरण इंजीनियरींग अनुसंधान (निरी) को नियुक्त करने के आदेश दिए थे. जरुरी 8 लाख रुपए रकम मनपा द्वारा निरी के पास जमा किए जाने के बाद सुकली कंपोस्ट डिपो समेत बायोमेडिकल वेस्ट दुर्गापुर का जायजा लेने के लिए यह दल आज दोपहर अमरावती में पहुंच गया है. इस दल ने कंपोस्ट डिपो का जायजा किया.
सुकली कंपोस्ट डिपो के बायोमायनिंग प्रकल्प से बायोमेडिकल वेस्टेज की मात्रा मनपा के वकीलों ने 24 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट में दिए अपने हलफनामे में स्पष्ट नहीं की थी. मनपा आयुक्त देवीदास पवार वीसी के जरिए सुप्रीम कोर्ट के समक्ष पेश हुए थे. इस पर न्यायमूर्ति अभय ओका व न्या. संजय करोल की पीठ ने समाधान व्यक्त न करते हुए मनपा को फटकार लगाते हुए बायोमेडिकल कचरे की मात्रा स्पष्ट करने एक सप्ताह में निरी से जांच कराने के निर्देश दिए थे. अपने आदेश में सुप्रीम कोर्ट ने मनपा को इस जांच के लिए अपेक्षित राशि निरी को दो सप्ताह के भीतर देने के निर्देश दिए तथा निरी को सुकली कंपोस्ट डिपो भेंट देकर वहां नियमों का कितना पालन किया गया, इसकी स्थिति स्पष्ट कर अपनी रिपोर्ट 22 सितंबर तक सुप्रीम कोर्ट को सौंपने का समय दिया था. इसके तहत मनपा द्वारा 8 लाख रुपए निरी के पास जमा किए जाने के बाद सीनियर प्रिंसिपल साइंटिस्ट गणेश काले के नेतृत्व वाला दल आज अमरावती पहुंचा. इस दल ने दोपहर में सुकली कंपोस्ट डिपो के साथ बायोमेडिकल वेस्ट दुर्गापुर को भेंट दी और वहां नियमों का कितना पालन किया जा रहा है, इस बाबत निरीक्षण किया. निरी को इसके लिए दस दिन का समय दिया गया है. आज कंपोस्ट डिपो का निरीक्षण करने के बाद निरी का दल अपनी रिपोर्ट तैयार करेगा और 22 सितंबर तक सुप्रीम कोर्ट के सामने प्रस्तुत करेगा. उसके बाद ही सुप्रीम कोर्ट मनपा को हरित लवाद द्वारा लगाए जुर्माने पर आगे का फैसला सुनाएगा. इस संबंध में आज विशेष कार्य अधिकारी सीमा नैताम से संपर्क कर पूछा गया तो उन्होंने दल ने आकर निरीक्षण किया रहने की जानकारी दी.
क्या है मामला?
मनपा द्वारा वर्ष 2009 से 2019 तक सुकली कंपोस्ट डिपो से होने वाले प्रदूषण पर उचित कदम न उठाने से मामले की शिकायत वसुंधरा फाऊंडेशन के अध्यक्ष गणेश अनासाने ने राष्ट्रीय हरित लवाद में की थी. जिस पर हरित लवाद ने मनपा पर 47 करोड़ 45 लाख जुर्माना ठोका था. हरित लवाद के इस जुर्माने के निर्णय के विरोध में मनपा ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी. जिस पर न्यायालय ने स्थगनादेश दिया. अब इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है और सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर ही निरी जांच कर स्थिति स्पष्ट करने वाला है.