नकल मामले का फैसला होने से पहले गठित समिति का कार्यकाल समाप्त
अब नई समिति स्थापित करने के बाद लिए जायेंगे बयान
अमरावती/ दि. 21-विदर्भ महाविद्यालय में नकल करने के मामले का फैसला होने के पहले ही उसकी जांच के लिए गठित की गई समिति का कार्यकाल समाप्त हो गया. इस वजह से अब नई समिति का चयन किया जायेगा. उसमें शामिल पदाधिकारी फिर से जांच करेंगे. इसके बाद इसके निष्कर्ष तक पहुंचकर फेसला सुनाया जाएगा. ऐसी जानकारी प्राप्त हुई है.
परीक्षा में गैर लेन-देन मामले की जांच करने के लिए विद्यापीठ के आदेशानुसार 5 समिति अस्तित्व में है. इस समिति को 48-5 कहा जाता है. इस समिति के पदाधिकारियों का कार्यकाल अगस्त 2012 में ही समाप्त हो गया था. परंतु नये पदाधिकारियों के चयन हेतु अनुकूल वातावरण नहीं होने की वजह से संबंधित पदाधिकारियों को कुछ समयावधि बढाकर दी थी. वह समयावधि समाप्त हो गई है. इस बीच नये पदाधिकारियों के चयन की हलचल शुरू हो गई है. जल्द ही वे अस्तित्व में आऐंगे.
विधि स्नातक परीक्षा के समय विदर्भ महाविद्यालय मेें गैर मामला सामने आया है. इस मामले में फंसे प्रमुख दो सूत्रधारों ने अब तक बयान नहीं दिए. उन्हें दोबारा अवसर दिया गया था. मगर दोनों बार गायब रहे. इसके कारण विद्यापीठ ने एक ओर अवसर देने का निर्णय लिया है. मगर इस बीच समिति का कार्यकाल समाप्त हो जाने के कारण समिति के गठन के बाद तीसरा अवसर कब दिया जाता है, यह प्रश्न निर्माण हुआ है. संबंधित विद्यार्थियों को पहलीबार 5 जुलाई को बुलाया गया था. परंतु उस समय वे अनुपस्थित रहे. इसके बाद विद्यापीठ की जांच समिति ने 4 अगस्त के दिन दूसरी बार उन्हें बुलवाया. फिर भी वे उपस्थित नहीं रहे. इस दौरान परीक्षा परिणाम घोषित होने के कारण विद्यापीठ ने उन दोनों का रिजल्ट रोककर रखा. जिस दिन निकल गई. उसी दिन पुलिस ने उन विद्यार्थियों को कब्जे में लेकर जांच शुरू की थी. उसी तहकीकात के दौरान पुलिस के हाथ क्या लगा, यह समिति जांच के दौरान देखेगी. इस बीच मामले में भाजयुमो के पदाधिकारी समेत एक विद्यार्थी का समावेश होने के कारण इस मामले का अंतिम फैसला किया होता है. इस ओर सभी का ध्यान लगा है.