अमरावती

पाठ्यक्रम में श्रीमद्भागवत गीता का पाठ जोडा जाए

महिला उत्थान मंडल की मांग

अमरावती/ दि.14 – स्कूल, महाविद्यालयों में पढाए जाने वाले पाठ्यक्रमों में श्रीमद्भागवत गीता का पाठ्यक्रम भी जोडा जाए, इस आशय की मांग को लेकर महिला उत्थान मंडल की ओर से जिलाधिकारी के माध्यम से केंद्र सरकार को निवेदन भेजा गया.
निवेदन में बताया गया है कि, मैनेजमेंट का पाठ सिखाने वाली कई विदेशी संस्थाएं अपने पाठ्यक्रमों में श्रीमद्भगवत गीता को शामिल कर रही है. न्यूजर्सी की सेटनहॉल यूनिर्वसिटी में गीता पाठ को अनिवार्य विषय घोषित किया गया है. देश-विदेश के अनेक महापुरुषों, विद्वानों एवं तत्व चिंतकों ने गीता को उत्कृष्ट ग्रंथ घोषित किया है. हाल ही में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश ए.आर.दवे ने पहली कक्षा से ही विद्यालयों में गीता को अनिवार्य करते हुए कहा था कि यह वहीं तरीका है जिससे जीवन जीना सिखा जा सकता है. इसलिए श्रीमद्भागवत गीता को प्रत्येक विद्यालय-महाविद्यालय के पाठ्यक्रम में जोकडकर एक अनिवार्य विषय के रुप में पढाया जाए ताकि विद्यार्थियों का शारीरिक, मानसिक, बौध्दिक और आध्यात्मिक विकास हो सके. निवेदन सौंपते समय महिला उत्थान मंडल की राधा चौधरी, शोभा आहुजा, संजीवनी मोरे, डॉ.अनीता हरवानी, कविता पिंजानी, संगीता राठोड, शालीनी असवार, सरीता पल्हाडे, जानकी वाधवा, रीमा बसंतवानी, शालीनी असवार, नंदलाल तरडेजा, मानव बुध्ददेव, मारोती मोरे आदि उपस्थित थे.

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