तत्कालीन तहसीलदार काकडे के कथित जाली हस्ताक्षर कर तीन आदेश निकाले
काकडे की शिकायत पर जिलाधिकारी ने तीनों आदेश रद्द किए
* जाली हस्ताक्षर मामले की महसूल विभाग में जांच जारी
* बेनोडा, रहाटगांव, नवसारी की जमीन को लेकर कथित जाली आदेश जारी किए गए थे
अमरावती/दि.12- शहर के बडे लोगों की करोडों की जमीन के तीन प्रकरणों में तहसीलदार के जाली हस्ताक्षर कर फेरफार किए जाने का भयंकर खुलासा हुआ है. इस मामले में तहसीलदार संतोष काकडे ने ही जिलाधीश के पास शिकायत की. जिसकी जांच आरंभ हो गई. संबंधितों से बयान लेना शुरु हो गया है. इस बीच खबर है कि तीनों फेरफार आदेश आननफानन में रद्द कर दिए गए हैं. तहसील और राजस्व विभाग में इस प्रकरण के कारण खलबली मची है. महसूल विभाग के सूत्रों के अनुसार बेनोडा, रहाटगांव और नवसारी की जमीन को लेकर आदेश जारी किए गए थे. जो कलेक्टर ने पूर्ववत कर देने के समाचार है.
* क्या है काकडे की शिकायत
तहसीलदार संतोष काकडे अभी आयुक्तालय में सामान्य प्रशासन विभाग में कार्यरत हैं. उन्होंने अमरावती तहसील में तहसीलदार पद पर 26 फरवरी 2019 से 1 जून 2023 तक कार्य किया. फिर नई जिम्मेदारी आयुक्त कार्यालय में ग्रहण की. उन्होंने जिलाधीश को निवेदन दिया कि पिछली तारिखों में उनके बनावटी दस्तखत कर यह आदेश जारी किए. काकडे ने कहा कि उनकी बनावटी स्वाक्षरी कर आदेश निर्गमित करने के बारे में उनके पास ठोस सबूत भी हैं. पिछली तारीख में झूठे हस्ताक्षर कर आदेश निर्गमित करना अत्यंत गंभीर स्वरुप की बात है. इसलिए प्रकरण की गहन जांच कर संबंधितों पर कठोर कार्रवाई करने की विनंती उन्होंने कलेक्टर से की है.
* पूर्व डीजीपी जोग की भी है जमीन
जिन तीन महत्वपूर्ण जमीन के संबंधित विषय है उनमें मौजा नवसारी खेत सर्वे नंबर 47 क्षेत्रफल 0.34 हेआर. दिनेश भंवरीलाल सामरा की है. राज्य के डीजीपी रहे सूर्यकांत जी जोग के वारिस हेमंत जोग की रहाटगांव सर्वे नंबर 164 की 25 गूंठे और मौजे बेनोडा सर्वे नंबर 17 की क्षेत्र 15 गूंठे, रुपेश हिम्मतराव बालापुरे की है.
* राजस्व में खलबली
तहसीलदार काकडे की शिकायत से राजस्व विभाग में खलबली मची है. गत 31 मई 2023 को आदेश होने की जानकारी है. तहसील कार्यालय से जमीन के फेरफार के प्रकरण जिलाधीश कार्यालय में भेजे गए थे. कागजात भी तहसील कार्यालय को दिए गए थे. संबंधित पटवारी से आवेदनकर्ता का नाम दर्ज कर फेरफार मंजूर करने की विनती उस आदेश में की गई थी. यह आदेश कलेक्टर ने रद्द कर दिए हैं. जांच आरंभ की है.
* अभी जांच जारी
अभी प्रकरण की जांच जारी है. यह तय और निष्कर्ष नहीं निकल सका है कि हस्ताक्षर या तहसील के वो आदेश जाली थे, इस मामले की अब तक किसी भी पुलिस थाने में शिकायत नहीं की गई है.