अमरावतीमहाराष्ट्र

मेलघाट में आदिवासियों के स्थलांतर का खतरा

रोजगार गारंटी योजना के मजदूरों पर भूखमरी की नौबत

अचलपुर/दि. 11– मेलघाट के चिखलदरा व धारणी तहसील में रोजगार गारंटी योजना अंतर्गत काम करनेवाले मजदूरों को एक साल से मजदूरी के पैसे नहीं मिल पाए है. बकाया मजदूरी के कारण आदिवासी परिवार को आर्थिक परेशानी का सामना करना पड रहा है. इस कारण स्थलांतर बढने का खतरा निर्माण हो गया है. जिला प्रशासन को इस बात की तरफ गंभीरता से देखना आवश्यक है.
रोजगार गारंटी योजना कानून के तहत मजदूरों को पूरे वर्ष में कम से कम 100 दिन रोजगार की गारंटी दी जाती है. फिलहाल अकुशल मजदूरों को 297 रुपए मजदूरी दी जाती है. प्रत्येक सप्ताह में मजदूरों को मजदूरी देने के लिए सरकार ने ऑनलाइन पोर्टल तैयार किया है. इस पर मजदूरों की दैनंदिन उपस्थिति दर्ज की जाती है. मजदूरों को मजदूरी मिलने में देरी हुई तो संबंधित अधिकारी, कर्मचारी के वेतन से कटौती करने का शासन का नियम रहने से रोजगार गारंटी काम के मजदूरों को समय पर मजदूरी देने पर सभी विभाग का जोर रहता है. लेकिन पिछले कुछ माह से रोजगार गारंटी के मजदूरों के लिए निधि न रहने से मजदूरों की मजदूरी रुक गई है. पहले से ही मजदूरी कम, उसमें विलंब होने से मजदूर परेशान हो गए है. हाथों में काम चाहिए यह बात सच रही तो भी पूरा दिन काम करने के बावजूद पैसे न मिलते हो तो किसलिए रोगायो के काम पर जाना? ऐसा प्रश्न मजदूरों के सामने निर्माण हो गया है. आदिवासी नागरिकों का प्रमुख आर्थिक आधार रही इस योजना की बकाया रकम न मिलने से परिवार के शिक्षा, स्वास्थ और दैनंदिन आवश्यकताओं पर काफी परिणाम हुआ है. इस कारण स्थलांतर होने की संभावना अधिक बढ गई है.

* बकाया मजदूरी दें
बकाया मजदूरी तत्काल देने के लिए जिलाधिकारी सौरभ कटियार के पास मांग किए जाने की जानकारी प्रोहित अथोटे, प्रशांत आठोले, अक्षय अथोटे, हर्षल सोनारे ने दी है.

* राज्य में निधि वितरित नहीं हुई
संपूर्ण महाराष्ट्र में निधि वितरित नहीं हुई है. इस कारण यह बकाया है. शासन द्वारा निधि दिए जाने पर मजदूरी का वितरण किया जाएगा. यह निधि कब आएगी, यह अभी कहा नहीं जा सकता.
– जीवन मोरणकर, तहसीलदार, चिखलदरा.

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