वर्धा प्रतिनिधि/ दि.१६ – वर्धा जिले के होनहार युवाओं के साथ ही राज्य के तथा राज्य बाहर के अन्य जिले के नागरिकों को कर्ज देने के नाम पर चुना लगाने वाले गिरोह के तीन सदस्यों को हिंगणघाट पुलिस ने गिरफ्तार कर उनकी पुलिस हिरासत ली थी. किंतु उनकी पुलिस हिरासत की अवधि खत्म हो जाने से न्यायीक हिरासत के तहत जेल रवाना किया गया है. हिंगणघाट परिसर ही नहीं बल्कि समूचे महाराष्ट्र के हजारों बेरोजगार युवक, युवतियों को 10 हजार 250 रुपए नगद लेकर आप को कर्ज मंजूर होने की बात कहकर 5 लाख का फर्जी चेेक देकर उनसे आर्थिक धोखाधडी करने वाले इस गिरोह का हिंगणघाट में पर्दाफाश हुआ. कोई भी अनुमति न लेते हुए कर्ज सम्मेलन के नाम पर लोगों की भीड होने पर 5 मार्च को हिंगणघाट पुलिस ने समय पर दखल लेते हुए इस धोखाधडी का पर्दाफाश किया. उस समय कंपनी के स्थानीय संचालक प्रमोदिनी आसकर को गिरफ्तार किया गया था.
पुलिस जांच के लिए शुरुआत में न्यायालय ने उसकी 22 मार्च तक पुलिस हिरासत सुनाई थी. पश्चात 15 मार्च तक पीसीआर में न्यायालय ने वृध्दि की थी. आसकर यह पुलिस हिरासत में रहते समय 10 मार्च को धोखाधडी करने वाले गिरोह का प्रमुख आशिष डे को कोलकात्ता हवाई अड्डे से व फर्जी चेक के साथ तथा ईएमआई कार्ड छापने वाले सिमांचल पांडा को मुंबई से गिरफ्तार किया गया. इन दोनों को भी न्यायालय ने 15 मार्च तक पुलिस हिरासत सुनाई थी. इन तीनों आरोपियों की पुलिस हिरासत खत्म हो जाने से कल उन्हें न्यायालय में पेश किया गया. दोनों पक्षों की दलीले सुनकर न्यायालय ने तीनों आरोपियों को न्यायिक हिरासत में रवाना किया.
आर्थिक धोखाधडी मामले के तीनों आरोपियों की पुलिस हिरासत खत्म होने से सोमवार को उन्हें न्यायालय में पेश किया गया. न्यायालय ने तीनों आरोपियों को न्यायीक हिरासत में रवाना किया है.
– संपत चव्हाण, थानेदार, हिंगणघाट