* प्रशासन ने शुरु की कार्रवाई
अमरावती/दि.21– फसल मंडी में मातेरा की चर्चा पुन: शुरु हो गई है. हाल ही में मंडी प्रशासन ने कार्रवाई कर 36 बोरी मातेरा पकडा था. इस माल को जब्त कर लिया गया है. तथापि व्यापारियों ने इस पर रोक लगाने की मांग की है. मंडी चुनाव में भी किसान हित का दावा कर मातेरा पद्धत रोकने की मांग उठी थी. यह विषय चुनाव का मुद्दा बना था.
* गोरखधंधे पर अंकुश
फसल मंडी के भूतपूर्व संचालक सतीश अटल ने मातेरा के गोरखधंधे पर अंकुश लगवाया था. उस समय के सभापति प्रफुल्ल राउत के निर्देश पर इस बारे में अनेक कार्रवाई हुई. जिससे मातेरा की कथित वसूली बंद हो गई थी.
* पकडा 36 बोरी माल
गत सोमवार को संचालक राजेश इंगोले, आरती वानखडे और मंडी प्रशासन की संयुक्त कार्रवाई में मातेरा का 36 बोरी माल पकडा गया. मंडी के सचिव दीपक विजयकर ने इसकी पुष्टि कर कहा कि, इसके पीछे कौन है, इसकी तहकीकात चल रही है. मंडी प्रशासन ने मातेरा से गत फरवरी में 6 लाख रुपए राजस्व कमाने की जानकारी विजयकर ने दी.
* क्या होता हैं मातेरा?
फसल मंडी में माल लाया जाता है. बोरों से गिरकर और यहां-वहां लदान के समय यह बोरे कट-फट जाते है. उनसे अनाज गिरता है, यह अनाज मंडी में कार्यरत महिलाएं झाडू लगाकर एकत्र करती है. जिसमें तुअर, सोयाबीन, चना, गेहूं आदि का समावेश रहता है. बताते है कि, यह मातेरा आधे दाम पर बिकता है. मसलन 4 हजार का सोयाबीन का मातेरा आधे रेट में खरीदा जाता है.