अमरावती

संस्कृति के सही नायक सभी धर्मो के संत

डॉ. श्रीपाल सबनीस का कथन

* दो दिवसीय संत साहित्य सम्मेलन का शानदार उद्घाटन
अमरावती / दि. 4-संत किसी देश अथवा धर्म के नहीं रहते. सभी महापुरूषों पर संतों का संस्कार है. संत ही संस्कृति के सही नायक है. संतो के समग्र साहित्य ने विश्व की संस्कृति को बचाकर रखा है. इस आशय का प्रतिपादन डॉ. श्रीपाल सबनीस ने भातकुली जैन स्थित आशीर्वाद मंगल कार्यालय में आयोजित संत साहित्य सम्मेलन के उद्घाटन समारोह में किया.

संत साहित्य सम्मेलन में उद्घाटक के रूप में डॉ. श्रीपाल सबनीस, अध्यक्ष के रूप में डॉ. निर्मला भामोदे, स्वागताध्यक्ष के रूप में पूर्व विधायक ज्ञानेश्वर धाने पाटिल, शरद जोध, प्रदीप दाते, मनोहर बूध आदि उपस्थित थे. डॉ. सबनीस ने अपने संबोधन में कहा कि सभी धर्म के संतो ने मानवता धर्म सिखाया है. संतों की जाति व धर्म नहीं रहता. स्वागताध्यक्ष ज्ञानेश्वर धाने पाटिल ने संत साहित्य सम्मेलन आयोजन के संदर्भ में भूमिका रखी. दो दिवसीय संत साहित्य सम्मेलन में होनेवाले मार्गदर्शक व प्रबोधन की उन्होंने रूपरेखा स्पष्ट की. उन्होंने कहा कि सुदर्शन गांग,अंबिका देवी संस्थान कौंडण्यपुर के नरेंद्र महाराज , शिवधारा आश्रम के डॉ. संतोष महाराज, गुरूद्बारा गुरूसिंग सभा के ओंकारसिंग संजय ठाकरे महाराज, महानुभाव पंथ के अभ्यासक पुरूषोत्तम नागपुरे, नामदेव गव्हाले महाराज मार्गदर्शन करेंगे. सम्मेलन के उद्घाटन अवसर पर एड. नंदेश संभालकर, नीलिमा भोजने, प्रभुदयाल जयस्वाल, कर्नल गाढे, नीलेश मुधोलकर, जमुना मालवीय, प्रकाश खोब्रागडे, सुरेश देशमुख, नीलकंठ सातव, प्रदीप माहुरे, राजू आघाडे, भारत बांते, बद्रीनाथ बोपसे, गणेश धर्मालकर, दिलीप नवरे, डॉ. सविता मालवीय,रामदास सनके, सुधीर भिसे, किशोर धोटे, किरण उदापुरे, सुरेश बहाड, अरूण कडू, अतुल ठाकरे , अतुल लवंगे, डॉ.कृष्णराव पवार, हरिहर गुल्हाने, मनोहर वर्‍हेकर, भाउराव गावंडे, देवीदास महाले, प्रवीण अब्रुक, मनोहर डहाणकर, सुधीर बलोदे,रावसाहब कांडलकर, अशोक बांदे, सुरेश ठाकुर, सुनील कदम, रामहरी ओलीवकर, दिलीप मंत्री, राजू राउत, गणेश पाचकवडे, प्रदीप दाते, हर्षल वाचासुंदर आदि उपस्थित थे.

* अनेको की उपस्थिति
अखिल भारतीय संत नामदेव महाराज साहित्य परिषद द्बारा आयोजित संत साहित्य सम्मेलन में 2 हजार से अधिक प्रतिनिधि उपस्थित थे. आशीर्वाद मंगल कार्यालय में सम्मेलन आज भी जारी है. इस सम्मेलन के माध्यम से समाज तक संतो के विचार पहुंचाए जा रहे है. सम्मेलन में बाहर से पधारे प्रतिनिधि के निवास व भोजन की भी व्यवस्था की गई है. यह साहित्य सम्मेलन युवा पीढी के लिए मार्गदर्शक स्थापित होगा.

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