अमरावती

२० को आदिवासियों को ‘उलगुलान’ आंदोलन

स्वतंत्र जनगणना, स्वतंत्र धर्मकोड-७ देने की मांग

अमरावती / दि.१३– आदिवासी जनजाति में बोेगस घुसपैठ और छात्रों की विविध समस्या हल करने के लिए आगामी २० मार्च को बजटीय अधिवेशन पर पात्र आदिवासियों को ‘उलगुलान’ ( उठाव )आंदोलन किया जाएगा, यह जानकारी अखिल भारतीय आदिवासी विकास परिषद के महाराष्ट्र प्रदेश अध्यक्ष राम चव्हाण ने रविवार को ली पत्र-परिषद में दी. सर्वोच्च न्यायालय के फैसले नुसार पात्र आदिवासियों के स्थान पर फर्जी सर्टिफिकेट हासिल कर बोगस आदिवासियों ने ली जगह रिक्त कर वहां पात्र आदिवासियों की भर्ती की जाए. आदिवासियों की स्वतंत्र जनणना कर उन्हें स्वतंत्र धर्मकोड -७ दें. आदिवासी छात्रावास में भोजनालय शुरु कर छात्रों का भत्ता बढाया जाए. आदि विविध मांगों को लेकर उठाव आंदोलन किया जाएगा, ऐसा राम चव्हाण ने बताया. लकी जाधव ने बताया कि, आदिवासी छात्रों को शिक्षा पूर्ण करते समय काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. छात्रों को शैक्षणिक वर्ष समाप्त होने के बाद भी छात्रवृत्ति नहीं मिलती. जिसके कारण उन्हें कॉलेज में मानसिक, आर्थिक तकलीफ का सामना करना पड़ता है. राज्य में सेंट्रल किचन बंद कर आश्रमशालाओं में पहले की तरह किचन शुरु करें. आदिवासी जनजाति की संस्कृति का जतन करने वाले सभी कलाकारों को मानधन शुरु करें आदि विविध न्यायिक मांगों के लिए उलगुलान आंदोलन का ऐलान किया है. पत्र-परिषद में चंपालाल शेलेकर, मोंग्या बेठेकर, उमा घासले, प्रमिला ठाकरे, संध्या जावरकर, शांता शेलेकर, रजनीकांत सुरकुंडे, धीरज सुरतच्या, रवि बेठेकर, युवराज मांडवे, राहुल भुसूम, पंकज राऊत उपस्थित थे.

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