इन्व्हर्टर का उपयोग बढेगा उतना ही बिजली बिल भी बढेगा
ग्रामीण क्षेत्र में इन्व्हर्टर की मांग बढी
* लोडशेडिंग से परेशान
अमरावती/ दि. २५– ऐन गर्मी के दिनों में नागरिको को लोडशेडिंग की परेशानी का सामना करना पडता है. दूसरी ओर बिजली का बिल बढकर आने से नागरिको को फटका बैठता है. लोडशेडिंग के समय में नागरिक इन्व्हर्टर का उपयोग करते है. ग्रामीण क्षेत्र में इन्व्हर्टर का उपयोग बडे प्रमाण में है. परंतु इन्व्हर्टर का उपयोग बढेगा उतना बिजली बिल भी बढेगा. यह भी उतना ही सच है.
इन्व्हर्टर घरेलू उपयोग में सबसे अधिक है. बिजली संग्रह के लिए उसका उपयोग किया जाता है. इस संग्रह किए गये लोडशेडिंग के समय का उपयोग किया जा सकता है. परंतु यदि इन्व्हर्टर की बैटरी चार्ज नहीं हो तो इस साधन का कोई उपयोग नहीं है. बैटरी चार्ज होने के लिए ८ -१० घंटे लगते है. इस दौरान ३ – ४ यूनिट बिजली जलती है. अचानक बिजली जाने पर इलेक्ट्रिक उपकरण भी इस इन्व्हर्टपर चलते है. किंतु इसके लिए अधिक बिजली खर्च होने से इसका परिणाम ग्राहको की बिजली बिल पर दिखाई देता है. बिल की रकम बढी हुई दिखाई देती है. इन्व्हर्टर चार्ज करने के लिए ८ – १० घंटे का समय लगने के कारण बिजली बिल अधिक आने का बताया जाता है.
* शहर में २ – ३ घंटे लोडशेडिंग
बिजली की कमी पूरी करने के लिए शहर के कुछ क्षेत्रों में २ – ३ घंटे बिजली आपूर्ति खंडित हो रही है. ग्रीष्मकाल मेें लोडशेडिंग होने से इन्व्हर्टर की मांग बढी है.
* ग्रामीण में ३-४ घंटे बिजली गूल
ग्रामीण क्षेत्र में कुछ क्षेत्र में दिन में डेढ से तीन घंटे बिजली आपूर्ति खंडित की जा रही है. रात को भी २ से ३ घंटे बिजली आपूर्ति खंडित हो रही है. खेती के लिए लगनेवाली बिजली भी ८ घंटे गायब हो रही है.
* इन्व्हर्टर की मांग बढी
अत्यावश्यक क्षमता की विविध कंपनियों का इन्व्हर्टर उपलब्ध है. ऐन गर्मी के दिनों में ग्रामीण क्षेत्र के साथ ही शहर क्षेत्र में लोडशेडिंग के कारण इन्व्हर्टर की मांग बढी है.
* १५ से २५ हजार तक इन्व्हर्टर बाजार में उपलब्ध
बाजारपेठ में अनेक कंपनियों का इन्व्हर्टर उपलब्ध है. कुछ इन्व्हर्टर में अधिक समय के लिए बिजली संग्रह की जा सकती है. जिसके कारण प्रत्येक कंपनियों के तथा उसकी क्षमता के अनुसार महंगा इन्व्हर्टर बाजार में उपलब्ध है. बाजार पेठ में साधारण १५ हजार से २५ हजार रूपये कीमत का इन्व्हर्टर उपलब्ध है.
इन्व्हर्टर के उपयोग के कारण बिजली बिल तो बढता ही है. ऐसा निश्चित बताना कठिन है. बाजार में अनेक कंपनियों का इन्व्हर्टर है. केवल बिजली संग्रहित करता है. संबधित ग्राहको का उपयोग कैसे करता है उस पर कितने समय वह चार्ज करता है. कितने उपकरण चलाता है. इन सभी बातों पर ही बिजली बिल का गणित निर्भर है.
सागर रघुवंशी, सेवा निवृत्त अभियंता