अमरावती/दि.11 – गत रोज हुई बारिश ने एक तरह से अमरावती शहर सहित जिले को पूरी तरह से धो डाला और इस बारिश की वजह से जनजीवन बुरी तरह से अस्त-व्यस्त हुआ है. बारिश की वजह से जिले के कई हिस्सों में बाढ सदृश्य हालात बने और नदी-नालों का जलस्तर बढने की वजह से कई स्थानों पर पुलों के उपर से पानी बहने लगा और कुछेक स्थानों पर छोटे पुल क्षतिग्रस्त भी हुए. साथ ही आसमान से लगातार बरस रहे पानी की वजह से कई सडक हादसे भी घटित हुए. इसके अलावा लगातार हो रही बारिश के बीच तेज गडगडाहट के साथ आसमानी गाज गिरने की वजह से भी एक व्यक्ति की मौत हुई. इसके साथ ही विगत दो दिनों के दौरान जारी मौसम के तहत पहली बार लगातार हुई झमाझम बारिश की वजह से आम लोगों को कई तरह की दिक्कतों का भी सामना करना पडा.
चांदूर रेल्वे-तलेगांव मार्ग पर कच्चा पुल बहा
– पलसखेड तलेगांव मार्ग कई घंटों के लिए रहा बंद
चांदूर रेल्वे तहसील में गुरूवार को जमकर बारिश हुई और पहली ही बारिश में चांदूर रेल्वे शहर का तहसील के ग्रामीण इलाकों के साथ संपर्क टूट गया. चांदूर रेल्वे-तलेगांव मार्ग पर इन दिनों सडक के नूतनीकरण का काम जारी है और यहां पर नया पुल बनाने का काम चल रहा है. जिसके तहत इस मार्ग पर अस्थायी रूप से एक कच्चा पुल बनाया गया है, जो बारिश की वजह से बह गया. जिसकी वजह से काफी देर तक यहां पर यातायात बाधित रहा. बाद में यहां दुबारा मिट्टी डालकर इस रास्ते को पहले की तरह शुरू किया गया. इसी तरह चांदूर रेल्वे शहर से पलसखेड की ओर जानेवाला रेल्वे अंडर ब्रिज पहले ही काफी सकरा है और इसके आगे मोड रास्ते से होकर गुजरनेवाले पुल के उपर से बारिश का पानी बह रहा था. जिसकी वजह से यह रास्ता दोनों ओर से बंद हो गया था. इन दिनों वर्धा मार्ग पर रेल्वे ओवरब्रिज का काम शुरू रहने की वजह से इसी अंडर ब्रिज से सभी निजी वाहनों व सरकारी बसों की आवाजाही होती है. किंतु करीब तीन घंटे तक हुई झमाझम बारिश की वजह से इस रेलवे अंडर ब्रिज को भी आवाजाही के लिए बंद रखा गया. इसके अलावा तीन घंटे तक लगातार चली बारिश की वजह से चारों ओर जलजमाव की स्थिति देखी गई और कई लोगों के घरों में भी बारिश का पानी घुस गया. इसके साथ ही चांदूर रेल्वे तहसील में राजना गांव निवासी सागर प्रदीप तेलकुंटे व सागर विवेक गावंडे नामक दो किसानों के खेतों में बारिश का पानी जमा हो गया. जिससे उनके खेत की उपजावू मिट्टी बह गयी. इन दोनों खेतों के पास पुलिया के निर्माण का काम जारी है और ठेकेदार द्वारा की गई लापरवाही की वजह से बारिश का पानी इन दोनों खेतों में जा घुसा.
धामणगांव रेल्वे के निंबोली में गाज गिरने से किसान की मौत
वहीं धामणगांव रेल्वे तहसील में भी मृग नक्षत्र के दौरान गुरूवार को आंधी-तूफान के साथ जबर्दस्त बारिश हुई. जिसकी वजह से तहसील से होकर गुजरनेवाले समृध्दी महामार्ग के आसपास ही स्थित खेतों में बारिश का पानी जा घुसा. जिसकी वजह से काफी नुकसान हुआ. वहीं निंबोली गांव में पद्माकर उत्तम वानखडे नामक किसान कि गाज की चपेट में आने से मौत हो गयी. जानकारी के मुताबिक पद्माकर वानखडे गुरूवार की दोपहर अपने खेत में स्प्रिंकलर बंद करने के लिए गये थे. इसी समय अचानक बिजली की तेज गडगडाहट के साथ जोरदार बारिश शुरू हुई और पद्माकर वानखडे के उपर गाज गिरी. जिसकी वजह से उनकी मौके पर ही मौत हो गयी. पद्माकर वानखडे के परिवार में पत्नी व दो बेटियां है और इस घटना की वजह से इस परिवार पर मानो आसमान टूट पडा है. इसके अलावा बारिश की वजह से धामणगांव रेल्वे तहसील के सभी नदी-नालों में जबर्दस्त बाढ की स्थिति दिखाई दी और खेतों सहित लोगों के घरों में बडे पैमाने पर बारिश का पानी जा घुसा. जिससे काफी नुकसान होने के समाचार है. इसके अलावा तहसील में कई स्थानों पर तेज हवाओं के चलते पेड उखडकर गिर पडे. जिसकी वजह से कई विद्युत तारों व विद्युत पोल टूट गये और कई गांवों में देर रात तक विद्युत आपूर्ति बंद रही. साथ ही रास्तों पर पेड गिरे होने की वजह से हर ओर का यातायात भी बुरी तरह से प्रभावित हुआ. ऐसे में बारिश की वजह से नुकसान का सामना करनेवाले सभी प्रभावितों को क्षतिपूर्ति मुआवजा दिये जाने की मांग क्षेत्रवासियों द्वारा की जा रही है.
बाल-बाल बचा अमरावती का बिसमोरे परिवार
– अनुमान चूक जाने से नाले में जा गिरी टवेरा
– चालक सहित 6 लोगों की जान बचाई गयी
चांदूर रेल्वे-पलसखेड मार्ग पर स्थित नाले में जलस्तर अचानक बढ जाने और पुलियां के उपर से पानी बहने की वजह से यहां से गुजर रहे टवेरा वाहन के चालक का अनुमान चुक गया और यह वाहन सीधे नाले में जा गिरा. इस टवेरा वाहन में चालक सहित अमरावती निवासी बिसमोरे परिवार के 6 लोग सवार थे. जिन्हें तुरंत ही बचा लिया गया. यह घटना गुरूवार की दोपहर करीब 2.30 बजे के आसपास घटित हुई. जानकारी के मुताबिक चपरासीपुरा निवासी कुणाल बिसमोरे अपने परिवार के पांच अन्य सदस्यों व चालक सहित टवेरा क्रमांक एमएच 26/बी 2285 से चांदूर रेल्वे होते हुए वर्धा की ओर जा रहे थे. किंतु पलसखेड मार्ग पर अंडरब्रिज से होकर वर्धा बायपास की ओर जाते समय सामने रास्ता बंद रहने की वजह से वे उसी मार्ग से वापिस लौट रहे थे. इस समय ओमसाई पाईप प्रॉडक्शन कंपनी के पास नाले और जमीन का जलस्तर एक बराबर हो जाने की वजह से वाहन चालक का अनुमान चुक गया और टवेरा गाडी सीधे नाले में जा गिरी. यह बात ध्यान में आते ही कंपनी में कार्यरत निकिता श्रीवास, शुभम माने, पीयूष बोबडे, सुयश चौधरी व श्रेयस चौधरी सहित अन्य कई लोग तुरंत ही सहायता के लिए भागे और टवेरा में सवार चार पुरूषों व दो महिलाओं सहित सभी लोगों को तुरंत ही बाहर निकाला गया. जिसके बाद नाले में गिरे वाहन को जेसीबी की सहायता से बाहर निकालने का प्रयास किया गया, किंतु इसमें सफलता नहीं मिली. पश्चात बाढ का स्तर कम होने पर शाम 7 बजे के दौरान इस वाहन को क्रेन की सहायता से बाहर निकाला गया.
एपीएमसी में सैंकडों क्विंटल अनाज भिगा
विगत बुधवार की शाम और कल गुरूवार की दोपहर हुई झमाझम बारिश की वजह से कृषि उत्पन्न बाजार समिती के मार्केट यार्ड में खुले रखा गया किसानों का सैंकडों अनाज भिग गया. जिसमें तुअर, सोयाबीन व चना आदि का समावेश है. इसकी वजह से किसानों का काफी नुकसान हुआ है. बता दें कि, इस समय बुआई का सीझन सामने है. ऐसे में खाद और बीज खरीदने के लिए पैसों की जरूरत के चलते किसान अपनी उपज को कृषि उत्पन्न बाजार समिती में बेचने हेतु ला रहे है. किंतु फसल मंडी में लाया गया अनाज भीग जाने की वजह से हुए नुकसान के बाद अब बुआई के लिए पैसों की व्यवस्था कहां से की जाये, यह चिंता किसानों को सता रही है.
अगले तीन-चार दिन जबर्दस्त बारिश की संभावना
– प्रशासन ने जारी किये सतर्क रहने के निर्देश
अगले तीन-चार दिनों तक बिजली की तेज गडगडाहट के साथ बारिश होने की संभावना मौसम विभाग द्वारा व्यक्त की गई है. ऐसे में जिला आपत्ति व्यवस्थापन प्राधीकरण द्वारा जिले के सभी नागरिकों, विशेषकर नदी-नालों के किनारे रहनेवाले लोगों को सतर्क रहने का निर्देश दिया गया है. इस संदर्भ में एक परिपत्रक जारी करते हुए प्राधिकरण के अध्यक्ष व जिलाधीश शैलेश नवाल द्वारा कहा गया कि, आंधी-तूफान और बिजली की तेज गडगडाहट जारी रहते समय घर से सभी दरवाजे, खिडकियों को बंद रखना चाहिए. साथ ही दरवाजे व खिडकियों से दूर रहना चाहिए. इसके अलावा बिजली की तेज गडगडाहट जारी रहने के दौरान घर से बाहर रहते समय सुरक्षित स्थान पर पहुंचकर वहां रूकना चाहिए. इस समय ट्रैक्टर, साईकिल, बाईक व कृषि साहित्य से दूर रहना चाहिए. इस समय यदि कोई व्यक्ति खुले आसमान के नीचे है और आसपास कोई सुरक्षित स्थान नहीं है, तो अंतिम पर्याय के तौर पर तुरंत ही घुटनों पर बैठकर दोनों हाथों से कान को बंद कर लेना चाहिए और सिर को घुटनोें के बीच छिपा लेना चाहिए. इस समय जमीन के साथ कम से कम संपर्क होना चाहिए. साथ ही बिजली के तारों से दूर रहना चाहिए. इस समय यदि कोई व्यक्ति जंगल परिसर में है, तो घने व छोटे झाडों के नीचे अथवा ढलानवाले स्थानों पर रूकना चाहिए. साथ ही खाई जैसे गहरे स्थान में उतरने का प्रयास करना चाहिए. इस समय यदि कोई आसमानी गाज की चपेट में आ जाता है, तो उसे तुरंत ही वैद्यकीय सहायता उपलब्ध करानी चाहिए तथा गीले व ठंडी परिस्थिति में रहनेवाले व्यक्ति एवं जमीन के बीच संरक्षणात्मक स्तर रखना चाहिए, ताकि हाईपोथेरमिया का खतरा कम हो. साथ ही यदि संबंधित व्यक्ति की सांस रूक गई है, तो उसे ‘माऊथ टू माऊथ’ सांस देने का प्रयास किया जाना चाहिए और हृदय की धडकने बंद होने पर किसी भी तरह की वैद्यकीय सहायता मिलने तक मरीज की हृदयगति को सीपीआर करते हुए शुरू रखना चाहिए. इस दौरान फोन, मोबाईल, इलेक्ट्रीकल व इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को विद्युत कनेक्शन के साथ नहीं जोडना चाहिए और बिजली चमकते समय व गडगडाहट जारी रहते समय विद्युत उपकरणों का प्रयोग टालना चाहिए. साथ ही आसमान में बिजली की गडगडाहट जारी रहते समय खुले में स्थित किसी पेड के नीचे नहीं रूकना चाहिए.