पानी पिनेलायक, फिर कामगारों को विषबाधा कैसी?
रिपोर्ट के कारण स्वास्थ विभाग के सामने चुनौती
अमरावती /दि. 17– नांदगांव पेठ एमआईडीसी की गोल्डन फाईबर कंपनी के 100 से अधिक कामगारों को 12 जनवरी को एक साथ विषबाधा हो गई थी. यह विषबाधा दूषित पानी पिने से अथवा खाद्यपदार्थ में दोष के कारण होने का अनुमान डॉक्टरों ने दर्शाया था. स्वास्थ विभाग को इस कंपनी से लिए गए जल नमूनों की रिपोर्ट गुरुवार 16 जनवरी को प्राप्त हुई है. गोल्डन फाईबर कंपनी का वह पानी पिनेलायक रहने की बात रिपोर्ट से सामने आई है. इस कारण पानी अच्छा है तो कामगारों को विषबाधा किस वजह से हुई, इस बाबत जांच करने की चुनौती अब स्वास्थ विभाग के सामने है.
गोल्डन फाईबर के कामगारों को पानी के कारण विषबाधा न होने की बात जल नमूने की रिपोर्ट से सामने आई है. इस कारण अब खाद्यपदार्थ की रिपोर्ट की प्रतीक्षा है. क्योंकि, पेट की तकलीफ यह पानी पिने से अथवा खाद्यपदार्थ से होने की संभावना है. अन्न व औषधि प्रशासन के अधिकारियों ने इसी कंपनी की कैंटींग के कुछ खाद्यपदार्थ के नमूने लेकर जांच के लिए नागपुर की शासकीय प्रयोगशाला में भेजे है. खाद्यपदार्थ के रिपोर्ट आने में एक पखवाडा लगेगा, इस कारण इस रिपोर्ट की प्रतीक्षा करनी पडेगी. दूसरी तरफ तहसील स्वास्थ अधिकारी ने 14 जनवरी को जिला स्वास्थ अधिकारी को भेजी रिपोर्ट में संबंधित कंपनी के रसोई घर में अस्वच्छता, इल्लिया और जाले पाए जाने की बात दर्ज की थी. विशेष यानी यही रिपोर्ट तहसील स्वास्थ अधिकारी ने जिलाधिकारी को भी प्रस्तुत की है. ऐसा रहा तो भी इस गंभीर प्रकरण में स्वास्थ अथवा जिला प्रशासन की तरफ से गुरुवार 16 जनवरी की शाम तक कोई भी कदम नहीं उठाया था.
* गोल्डन फाईबर का रावत अभी भी लापता
गोल्डन फाईबर कंपनी के सुरक्षा व्यवस्थापक जॉन रावत के खिलाफ इसी कंपनी की एक महिला कामगार की शिकायत पर तीन दिन पूर्व ही विनयभंग का मामला दर्ज हुआ है. लेकिन रावत अब तक पुलिस के हाथ नहीं लगा है. उसकी तलाश शुरु रहने की जानकारी नांदगांव पेठ के थानेदार महेंद्र अंभोरे ने दी है.