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सिंचाई विभाग का अफलातून कारभार
चांदुर रेल्वे/दि.30 – इस साल रब्बी फसल के लिए पानी की आपूर्ति भरपूर होने पर भी सिंचाई विभाग का लापरवाही नियोजन के कारण जलापूर्ति लगभग 15 दिन देरी से हुई. किसानों को गेहूं की बुआई में लगाकर किसानों की जमीन गिली होने से पूर्व ही सिंचाई विभाग कार्यालय में मालखेड तलाव पर पहली फेरी में जलापूर्ति बंद करने का टालमटोल कार्य किया है. जिसके कारण किसानों मेें असंतोष फैल गया है.
रब्बी फसल का सीजन 15 नवंबर सेे शुरू होता है. कृषि विशेषज्ञ के सलाहनुसार 15 नवंबर से पहले ही गेहूं की बुआई होना जरूरी होता है. परंतु हर साल कुछ न कुछ कारण बताकर स्थानीय सिंचाई विभाग ने पानी छोड़ने के लिए लापरवाही करते हुए दिखाई दे रहा है. विगत वर्ष पानी संग्रह कम होने का कारण बताकर जलापूर्ति देरी से की थी. लेकिन इस साल पानी भरपूर होने पर भी सफाई की ओर अनदेखा कर जलापूर्ति देरी से की. देरी से ही सही लेकिन जलापूर्ति होने के कारण किसानों ने गेहूं की बुआई की. केवल 4 दिनों में ही विभाग ने जलापूर्ति बंद करने से अनेक किसानों की जमीन पूरी तरह गिली नहीं होने से बुआई सूखी जमीन में की गई. परंतु जलापूर्ति का कोई भी नियोजन न कर अपने टालमटोल कारभार के कारण सिंचाई विभाग किसानों का नुकसान कर रहा है, ऐसा आरोप किसानों की ओर से लगाया जा रहा है. अनेक बडे कॅनाल भी साफ नहीं होने की शिकायत किसानों की ओर से आ रही है.
कॅनल के काम पूरे होना बाकी है जांच के लिए पानी छोड़ा गया था. इसकी जानकारी लेकर जल्द ही पानी छोडने का सिंचाई विभाग के शाखा अभियंता अंबाडकर ने कहा है.