विदर्भ व मराठवाडा में कृषि पंपों के विद्युत कनेक्शन का रास्ता खुला
महावितरण कंपनी को 100 करोड रुपए की निधि आवंटित
* पैसे भरने के बावजूद 4 साल से अधर में लटकी हुई थी प्रक्रिया
अमरावती /दि.28– खरीफ सीजन के साथ ही रबी सीजन में भी बुआई करते हुए फसलें ली जा सके. इस हेतु सिंचाई की सुविधा रहने वाले किसानों ने कृषि पंप विद्युत कनेक्शन के लिए आवेदन किया था. परंतु इसके लिए आवश्यक शुल्क भरने के बावजूद विगत 4 वर्षों से विद्युत कनेक्शन की प्रक्रिया प्रलंबित थी. वहीं इस बीच राज्य सरकार ने महावितरण कंपनी को कृषि पंप विद्युत कनेक्शन के लिए 100 करोड रुपए की निधि आवंटीत की. जिसके चलते अब विदर्भ एवं मराठवाडा में कृषि पंपों के लिए विद्युत कनेक्शन देने का रास्ता खुल गया है.
राज्य में 31 मार्च 2018 तक निर्धारित शुल्क भरकर विद्युत कनेक्शन हेतु प्रलंबित रहने वाले करीब 2 लाख 24 हजार कृषि पंपों को उच्चदाब वितरण प्रणाली के जरिए विद्युत कनेक्शन देने हेतु 5 मई 2018 को मान्यता दी गई थी. साथ ही इस योजना हेतु 5048.13 करोड रुपए के खर्च को मंजूरी दी गई थी. इस योजनांतर्गत विदर्भ व मराठवाडा विभाग में प्रलंबित कृषि पंपों को विद्युत कनेक्शन देने हेतु 2248.09 करोड रुपए की निधि अनुदान के स्वरुप में वितरीत करने को मान्यता दी गई है. वहीं शेष महाराष्ट्र के लिए कृषि पंप आवेदकों को विद्युत कनेक्शन देने हेतु होने वाले खर्च के लिए 2800 करोड रुपए का इंतजाम महावितरण कंपनी द्वारा बैंकों से कर्ज लेकर किया जा रहा है.
जानकारी के मुताबिक 15 सितंबर 2021 के सरकारी निर्णयानुसार उच्चदाब वितरण प्रणाली योजना का मूल खर्च 5048.13 करोड रुपए से बढाकर 4734.61 करोड रुपए संशोधित किया गया. साथ ही योजना की कालावधि को मार्च 2023 तक बढाया गया और इसके उपरान्त इस मुदत को 31 मार्च 2024 तक बढाने को मान्यता दी गई. साथ ही इस योजनांतर्गत शेष अनुदान रकम विदर्भ व मराठवाडा विभाग के सर्वसाधारण वर्गवारी में सन 2018 के बाद कृषि पंप विद्युत कनेक्शन नीति-2020 अंतर्गत प्रलंबित विद्युत कनेक्शन देने हेतु एवं इस हेतु स्थापित किये जाने वाले उपकेंद्रों की निर्मिति हेतु उपयोग में लाने को मान्यता दी.
वर्ष 2023-24 के दौरान विदर्भ व मराठावाडा विभाग में प्रलंबित कृषि पंपों को विद्युत कनेक्शन देने हेतु 700 करोड रुपए का मूल प्रावधान किया गया था तथा संशोधित बजट में 490 करोड रुपए की निधि का प्रावधान रखा गया है. जिसमें से 140 करोड रुपए इससे पहले ही महावितरण को दे दिये गये है. वहीं शेष निधि में से 100 करोड रुपए की निधि भी महावितरण को आवंटीत कर दी गई है. जिसके चलते अब विदर्भ एवं मराठवाडा में प्रलंबित कृषि पंपों के विद्युत कनेक्शन की प्रक्रिया को अब गति मिलेगी.
* किसान झेल रहे आसमानी व सुलतानी संकट
विदर्भ एवं मराठवाडा क्षेत्र किसान आत्महत्या के लिए कुख्यात है तथा तमाम सरकारी को प्रशासनीक प्रयासों के बावजूद भी इन दोनों क्षेत्रों में किसान आत्महत्याओं का सत्र बदस्तूर जारी है. बारिश और मौसम की अनियमितता, फसलों की बर्बादी, कृषि उपज को दाम नहीं मिलना, नकली बीज, खाद की किल्लत व कर्ज उपलब्ध नहीं होना जैसी कई समस्याएं किसानों के सामने मूंह बाये खडी रहती है. खरीप सीजन के साथ-साथ रबी सीजन में भी किसानों को विविध समस्याओं का सामना करना पडता है. सिंचाई की सुविधा रहने के बावजूद भी महावितरण के पास कृषि पंपों हेतु विद्युत कनेक्शन के लिए आवेदन करने वाले किसान विगत 4 वर्षों से बिजली का कनेक्शन मिलने की प्रतिक्षा कर रहे थे. ऐसे में उनके समक्ष सिंचाई को लेकर संकट बना हुआ था.