1200 रुपए में पत्नी ने ही दी थी पति के हाथ-पैर तोडने की सुपारी
फेसबुक पर पहचान के बाद किया था कॉन्ट्रक्ट मैरेज

* प्रॉपर्टी की लालच में आकर पति पर करवाया हमला
* डीसीपी शिंदे ने पत्रवार्ता में दी पूरे मामले की जानकारी
अमरावती/दि.30 – विगत 24 अप्रैल को स्थानीय खोलापुरी गेट परिसर में मोर्शी तहसील के येरला गांव निवासी अजय राठी नामक व्यवसायी युवक पर करीब तीन से चार लोगों ने हॉकी स्टिक से लैंस होकर हमला करते हुए उसका पांव तोड दिया था. साथ ही उसके गले से 7.50 ग्राम सोने की चैन तथा हाथ से 5 ग्राम सोने की अंगूठी लूट ली थी. जिस समय यह हमला हुआ था तब अजय राठी के साथ उसकी पत्नी भी थी. जिसने खोलापुरी गेट थाने पहुंचकर शिकायत दर्ज कराई थी. लेकिन पुलिस जांच में उस वक्त पूरी कहानी उलट गई, जब पता चला कि, अजय राठी की पत्नी ने ही अपने मौसेरे भाई और उसके दो दोस्तों के जरिए अपने पति पर जानबुझकर हमला कराया था और अपने पति के हाथ-पैर तोड देने के लिए अपने मौसेरे भाई को पति की प्रॉपर्टी में हिस्सा देने का लालच दिया था. जिसके चलते मौसेरे भाई ने अपने दो दोस्तों को मात्र 1200 रुपए की सुपारी देते हुए यह कहकर अपने जीजा की पिटाई करने के लिए लाया था कि, उक्त व्यक्ति उसकी बहन के साथ छेडखानी कर रहा है. ऐसे में पुलिस ने अजय राठी की पत्नी सहित उसके साथिदारों को गिरफ्तार कर लिया है, ऐसी जानकारी आज यहां बुलाई गई पत्रवार्ता में शहर पुलिस उपायुक्त गणेश शिंदे द्वारा दी गई.
पत्रवार्ता में दी गई जानकारी के मुताबिक येरला गांव निवासी अजय राठी की कुछ समय पहले फेसबुक के जरिए यवतमाल में रहनेवाली ममता (काल्पनिक नाम) के साथ जान-पहचान हुई थी. जो आगे चलकर प्रेमसंबंध में बदल गई. जिसके बाद विगत 25 जनवरी को अजय राठी ने ममता से शादी करते हुए एकतरह का करारनामा ही किया था. जिसके मुताबिक तय हुआ था कि, अजय हर महिने ममता को 15 हजार रुपए देगा और ममता हर महिने एक बार अपने मायके जाएगी. चूंकि अजय के पास 26 एकड खेत है और येरला गांव में उसकी किराने की काफी बडी दुकान है. जिसे देखकर ममता के मन में ज्यादा पैसे मिलने का लालच छुटा. जिसके चलते पति-पत्नी के बीच झगडा होना शुरु हो गया और तीसरे महिने में ही ममता अपने मायके चली गई, तो अजय ने उसे हर महिने खर्च हेतु पैसे देना बंद कर दिया. जिसकी वजह से जहां ममता ने अजय को देख लेने की धमकी दी. वहीं ममता के परिवार वालों ने दोनों को समझाने-बुझाने का प्रयास किया. इसी बीच ममता और उसकी मां अमरावती आकर खोलापुरी गेट परिसर में किराए का कमरा लेकर रहने लगे और ममता ने मिलकर एक अजीबोगरीब योजना बनाई. जिसके तहत ममता ने अजय राठी को फोन करते हुए उससे माफी मांगी और अपना पाईल्स का ऑपरेशन रहने की बात कहते हुए उसे 24 अप्रैल को अमरावती बुलाया. साथ ही ममता ने आर्वी में रहनेवाले अपने मौसेरे भाई चेतन जय टांक को अजय के हाथ-पांव तोडने के लिए यह कहते हुए तैयार किया कि, वह उसे अजय की प्रॉपर्टी में हिस्सा देगी. जिसके चलते ममता के कहने में आकर चेतन टांक ने अपने दो दोस्तों करण संतोष मुंदाने (आर्वी) व सीमित बोबडे (अमरावती) को अपने साथ यह कहकर जोडा कि, अजय राठी नामक एक शख्स उसकी मौसेरी बहन के साथ छेडछाड कर रहा है. जिसे देखना जरुरी है. साथ ही चेतन टांक ने अपने दोनों दोस्तो को 1200 रुपए देने की पेशकश की थी. उधर अजय राठी के अमरावती पहुंचने से पहले ममता ने एक ऐसी जगह देख रखी थी, जहां पर सीसीटीवी कैमरे नहीं लगे थे और फिर अजय को उसी स्थान पर कोल्ड्रींक पीने के बहाने ले जाया गया. जहां पर चेतन टांक, करण मुंदाने व सीमित बोबडे ने अजय राठी पर हॉकी स्टिक से लैंस होकर हमला करते हुए उसका एक पांव तोड दिया. साथ ही उसके पास से सोने की चैन व अंगूठी छिनकर भाग गए, ताकि यह दर्शाया जा सके कि, यह हमला लूटपाट के इरादे से किया गया था. खास बात यह रही कि, तीनों आरोपियों ने लूटा गया सोना भी बाद में ममता के हवाले कर दिया.
इस मामले की जांच शहर पुलिस आयुक्त नवीनचंद्र रेड्डी ने स्पेशल स्क्वॉड को सौंपी थी और स्पेशल स्क्वॉड के पीआई आसाराम चोरमले ने महज दो से तीन दिन के भीतर पडताल पूरी करते हुए पूरे मामले का पर्दाफाश कर दिया. जिसके चलते पुलिस ने चेतन टांक, करण मुंदाने व सीमित बोबडे को गिरफ्तार कर लिया है. साथ ही ममता को गिरफ्तार करने की प्रक्रिया चल रही है.
यह कार्रवाई शहर पुलिस आयुक्त नवीनचंद्र रेड्डी, पुलिस उपायुक्त सागर पाटिल, गणेश शिंदे व कल्पना बारवकर, अपराध शाखा के सहायक पुलिस आयुक्त शिवाजी बचाटे के मार्गदर्शन तथा स्पेशल स्क्वॉड के प्रभारी पुलिस निरीक्षक आसाराम चोरमले व पुलिस निरीक्षक सीमा दातालकर के नेतृत्व में एएसआई युसूफ सौदागर, पोहेकां छोटेलाल यादव, पोकां. संजय भारसाकले, नईम बेग, आशीष डवले, रणजीत गावंडे, अमोल मनोहर, रामकृष्ण कांगडे, रुपेश काले, चालक सूरज गाडे एवं साईबर पुलिस स्टेशन के पोकां शैलेश अर्डक, निखिल माहुरे व मपोकां सुषमा के पथक द्वारा की गई.