आप्पाजी महाराज डिजीटल वारकरी ज्ञानपीठ के कार्य उल्लेनीय – विधायक श्रीकांत भारतीय
आप्पाजी महाराज वारकरी ज्ञानपीठ की ओर से गुणवंत विद्यार्थियों का सत्कार
अमरावती/दि.9– जिले के चांदुर बाजार तहसील अंतर्गत आने वाले कुर्हा (बहिरम) में स्थित ह.भ.प. वैकुंठवासी श्री आप्पाजी महाराज वारकरी ज्ञानपीठ की ओर से गुणवंत विद्यार्थियों का सत्कार समारोह आयोजित किया गया. इस समय प्रमुख वक्ता के रुप में उपस्थित विधानपरिषद सदस्य विधायक श्रीकांत भारतीय ने अपने मनोगत में कहा कि बच्चे संस्कारित हुए तो उनके उपर संस्कार उन्हें आगे जिंदगी भर उपयोग में आते है और सक्षम नागरिक होकर समर्थ भारत बनाते है. आप्पाजी महाराज वारकरी ज्ञानपीठ त्वं ज्ञानमयो, त्वं विज्ञानमयो, त्वं तंत्रज्ञानमयो इस संकल्पना पर कार्य कर रहा है. महाराष्ट्र के डिजीटल वारकर ज्ञानपीठ में से एक आप्पाजी वारकरी ज्ञानपीठ है.
कार्यक्रम मे प्रमुख अतिथी के रुप में जिजाऊ बैंक संचालक श्रीकांत टेकाडे व प्रमुख वक्ता के रुप में विधान परिषद सदस्य विधायक श्रीकांत भारतीय उपस्थित थे. इस समय मंच पर संस्था अध्यक्ष सुधीर भारतीय, वारकरी ज्ञानपीठ के आचार्य लक्ष्मण आलंदीकर गुरुजी, गुरुदेव शिक्षण प्रसारक अध्यक्ष डी.पी.राऊत, छोगमल विद्यालय के मुख्याध्यापक अरविंद राऊत, अचलपूर जिला परिषद के पूर्व शिक्षा सभापती बालासाहेब वानखडे मंच पर उपस्थित थे.
कार्यक्रम का प्रास्ताविक संस्था के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अखिलेश भारतीय ने किया. प्रस्ताविक में संस्था की संपूर्ण जानकारी दी गई. प्रास्ताविक के बाद कुर्हा (बहिरम) के दसवीं में 80% से ज्यादा अंक प्राप्त करने वाले 12 गुणवंत विद्यार्थियों का सत्कार किया गया. इसमें कु. काजल ठोकल 95.60%, कु. विधी राणे 93.40% अंक प्राप्त करने वाली छात्राओं सहित गुणवंत विद्यार्थियों का स्मृती चिन्ह व इंग्लिश ग्रामर की पुस्तक भेट स्वरूप देकर सत्कार किया गया.
कार्यक्रम के प्रमुख वक्ता श्रीकांत भारतीय ने अपने मनोगत में कहा कि विद्यार्थी संस्कारक्षम, संयमी, मानसिक, शारीरिक दृष्टी से समर्थ रहना जरूरी है. इसी तरह किसी भी परिस्थिती में मन का संतुलन न गिरे, सभी स्थिती में मन स्थिर रखना, विवेक जागृती रखना, उचित निर्णय लिया जा सके, इसके लिए आध्यात्म की पहचान रहना आवश्यक है. वारकरी शिक्षा को तंत्रज्ञान की जोड देने वाले आप्पाजी महाराज वारकरी ज्ञानपीठ बच्चों को अध्यात्मिक शिक्षा के साथ आधुनिक व शैक्षणिक शिक्षा देता है, यह उल्लेखनीय है. कार्यक्रम का आभार मुकुंद भारतीय ने किया. कार्यक्रम में शाला के शिक्षक, विद्यार्थियों के पालक, गांववासी उपस्थित थे.