अमरावती

बडनेरा के जुनीबस्ती रेलवे क्रोसिंग उडानपुल का काम अटका

प्रकल्पग्रस्तों ने सीधी खरीदी न करते हुए अवार्ड घोषित कर मुआवजे की मांग की

* बाजार मूल्य के मुताबिक मुआवजा न देने पर भूसंपादन नहीं
अमरावती/दि.3- रेलवे विभाग व्दारा अधिकांश रेलवे क्रोसिंग पर उडानपुल अथवा भूमिगत मार्ग का निर्माण किया जा रहा है. इस योजना के तहत बडनेरा शहर के जुनीबस्ती रेलवे क्रोसिंग पर भी पिछले 2 वर्षो से उडानपुल का निर्माणकार्य जारी है. लेकिन इस निर्माणकार्य में जिन 26 किसानों की भूमि जा रही है उनमें से 22 किसानों ने बाजार मूल्य के मुताबिक पैसे देने और सीधी खरीदी न करते हुए अवार्ड घोषित कर मुआवजा अदा करने की मांग की है. इस कारण इस उडानपुल का कार्य पिछले काफी समय से अधर में अटका पडा है.
बडनेरा शहर के जुनीबस्ती रेलवे क्रोसिंग पर एमआरआईडीसी (महारेल) व्दारा पिछले 2 वर्षो से उडानपुल का निर्माणकार्य चल रहा है. वर्ष 2019-20 में इस उडानपुल के निर्माण में जिन 26 किसानों की भूमि आ रही है उन्हें सूचित कर सीधी खरीदी करने की सूचना दी गई थी. नोटिस मिलने के बाद 26 में से 4 किसानों ने सीधी खरीदी कर अपनी भूमि संपादित करने की अनुमति महारेल को दे दी. लेकिन 22 अन्य किसानों ने अपनी जमीन के अधिग्रहण को अनुमति बाजार मूल्य के हिसाब से देने की शर्त रखी और सीधी खरीदी करने से इंकार कर दिया. इस कारण उडानपुल का निर्माणकार्य अटक गया. इन 22 प्रकल्पग्रस्त किसानों के साथ संबंधित अधिकारियों व्दारा अनेक बैठकें भी की गई. पश्चात अब उडानपुल के निर्माणकार्य में जानेवाली किसानों की इस जमीन को जिला प्रशासन व्दारा आरक्षित कर दिया गया है. इस कारण अब यह किसान जितनी जमीन उडानपुल के निर्माणकार्य में जानेवाली है, वह जमीन अन्य किसी को बिक्री नहीं कर सकते. किसानों का भी विकास कार्यो को लेकर विरोध नहीं है. इन किसानों के आसपास की जमीन जिस मूल्य में बिक्री हुई है उसके मुताबिक बाजार मूल्य निकालकर उनकी भूमि संपादित करने अथवा अधिग्रहित करने का उनका अनुरोध है. लेकिन पिछले 2 सालों से इन प्रकल्पग्रस्त किसानों को अधर में रखा गया है. यह किसान अपने खेतों में बुआई कार्य भी नहीं कर पाए हैं. जबकि वर्तमान में किसानों की इस जमीन की कीमत दिनोंदिन बढती जा रही है. लेकिन यह किसान अधिकारियों से बैठक कर बाजार मूल्य के हिसाब से समझौता कर अपनी जमीन देने तैयार है. लेकिन फिर भी संबंधित अधिकारियों व्दारा कोई पहल नहीं की जा रही है. अब इन प्रकल्पग्रस्तों का कहना है कि यदि कोई हल नहीं निकलता सीधी खरीदी न करते हुए उन्हे अवार्ड घोषित कर मुआवजा अदा किया जाए और जब तक उनके व्दारा अनुमति नहीं दी जाती तब तक भूसंपादन का कार्य न किया जाए. इस संबंध में किसानों ने जिलाधिकारी सौरभ कटियार को भी ज्ञापन साौंपा है. साथ ही मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री को भी ज्ञापन भेजकर इस बात से अवगत कराया है. इस कारण इस उडानपुल का निर्माणकार्य अधर में पड गया है.

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