अमरावती

840 ग्रामपंचायतों के कामोें की होगी जांच

जिप की स्थायी समिती का निर्णय

  • मेलघाट के जिप सदस्य हुए संतप्त

अमरावती/दि.29 – जिले के आदिवासी बहुल मेलघाट सहित जिले की सभी 840 ग्राम पंचायतोें में हुए सभी कामों की जांच करने का निर्णय जिप की स्थायी समिती द्वारा लिया गया है. यह मसला मेलघाट क्षेत्र से वास्ता रखनेवाले 9 सदस्योें द्वारा खुद होकर उठाया गया था. ऐसे में अब ग्राम पंचायत में हुए कामों की पंचायत विभाग द्वारा नये सिरे से जांच-पडताल की जायेगी.
जानकारी के मुताबिक सितंबर 2020 में मेलघाट क्षेत्र की 10 ग्राम पंचायतों में नियमोें की अनदेखी करते हुए विकास कार्य किये जाने की शिकायतें जिप सीईओ अमोल येडगे से प्राप्त हुई थी. जिसके मद्देनजर एक जांच समिती गठित की गई थी. जिसकी रिपोर्ट में मेलघाट के सदस्यों द्वारा किये जानेवाले हस्तक्षेप का उल्लेख था. जिसके चलते मेलघाट के जिप सदस्यों सहित विधायक राजकुमार पटेल द्वारा आक्षेप उठाते हुए इस रिपोर्ट को रद्द करने की मांग की गई थी और गुरूवार को हुई स्थायी समिती की बैठक में मेलघाट के सदस्य आक्रामक हो गये. साथ ही सदस्य दयाराम काले व महेंद्रसिंह गैलवार ने जानना चाहा कि, मेलघाट को छोडकर जिले की अन्य सभी ग्राम पंचायतों मेें ‘ऑल वेल’ है क्या, जिसके बाद सभागृह में लगातार गरमाते माहौल को देखते हुए जिप अध्यक्ष बबलु देशमुख ने सभी ग्राम पंचायतोें में हुए विकास कामोें की जांच करने का आदेश जारी किया.

शिकायतोें की जांच के बाद कार्रवाई करो

मेलघाट से वास्ता रखनेवाले सभापति दयाराम काले, सदस्य महेंद्र गैलवार, पूजा येवले, वासंती मंगरोले, सीमा घाडगे, सुनंदा काकड, सरला मावस्कर, माया मालवीय तथा वनिता पाल ने जिप को प्राप्त होनेवाली शिकायतों के संदर्भ में जिप प्रशासन द्वारा प्राथमिक स्तर पर खुद जांच-पडताल करने और शिकायतोें में कोई तथ्य पाये जाने पर ही अगली कार्रवाई करने की मांग उठायी थी. जिसे जिप अध्यक्ष व स्थायी समिती सभापति बबलू देशमुख द्वारा मान्य किया गया.

‘उस’ आदेश को रद्द किया जायेगा

इस संदर्भ में जिप सीईओ अमोल येडगे ने नये सिरे से संशोधित आदेश जारी करने का आश्वासन देते हुए कहा कि, मेलघाट की धारणी व चिखलदरा तहसील अंतर्गत जिन ग्राम पंचायतोें के विकास कामों में अनियमितता होने की शिकायत दर्ज करायी गयी थी, उनमें शिकायतकर्ताओें द्वारा दी गई सूची के अनुसार दो विस्तार अधिकारियों के माध्यम से जांच के आदेश जारी किये गये थे. किंतु मेलघाट से वास्ता रखनेवाले 9 सदस्योें ने इसे अपना अपमान माना. ऐसे में पुराने आदेश को खारिज कर दिया गया है और जल्द ही नया आदेश जारी किया जायेगा.

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