अमरावती

भगवान शिव अपना तीसरा नेत्र खोलते है तब विश्व का नाश होता है

सुश्री रामप्रियाजी का प्रतिपादन

* परमहंस संत बालयोगी गजानन बाबा के 63वें जन्मोत्सव निमित्त शिवमहापुराण कथा
अमरावती/दि. 9– भागवान शिव जब अपना तीसरा नेत्र खोलते हैं, तो विश्व का नाश होता है. किंतु यह नाश समाज के लिए फायदेमंद है. इससे जीवसृष्टि का कल्याण ही होता है. जब माता सति ने अग्निकुंड में प्राणों की आहुति दी थी, तब उनके शव को लेकर भागवान शिव ने तीसरा नेत्र खोलकर पूरे विश्व का भ्रमण किया था. उस समय माता सती के शव के टुकड़े जहां-जहां गिरे उस स्थान पर आज 51 शक्तिपीठ का निर्माण हुआ है. जिससे मां के भक्तों को उनका आशीर्वाद प्राप्त हो रहा है, इन प्रसंगों को व्यक्त करते हुए सुश्री रामप्रियाश्री ने भक्तों को भोलेनाथ की भक्ति में तल्लीन कर दिया था.

स्थानीय कल्याण नगर स्थित मैदान पर परमहंस संत बालयोगी गजानन बाबा कें 63वें जन्मोत्सव निमित्त शिव महापुराण कथा का आयोजन किया गया है. इस कथा के चौथे दिन भगवान शिव तथा सती के जीवन को प्रस्तुत किया गया. किस प्रकार भक्ति का रंग भगवान को उनके समक्ष प्रगट होने मजबूर करता है. इस बात का वर्णन किया गया. जिसमें माता पार्वती ने किस प्रकार भगवान को प्राप्त करने तपस्या की. गले में नाग, भस्म वाले भगवान भोलेनाथ को उन्होंने किस प्रकार स्वीकार किया. इस समय भगवान शिव ने तीसरा नेत्र खोलने के बाद सृष्टि का नाश भले ही होता है, लेकिन मानव कल्याण के लिए यह फायदेमंद होता है, इन बातों को प्रस्तुत किया गया. इस अवसर पर विविध भजनों के साथ कथा का समापन किया गया. शुक्रवार को माता पार्वती के विवाह प्रसंगों का झांकी के साथ दर्शन कराया जाएगा.

* अतिथियों ने की आरती
गुरुवार को शिव महापुराण कथा में आसावरी देशमुख, पूर्व पार्षद रतन डेंडुले, सूरज करवा, पूर्व पार्षद भारत चौधरी, शिवसेना की वर्षा भोयर, मनीषा टेंभरे, प्रतिभा बोपशेट्टी, लक्ष्मी शर्मा, मोहित देशमुख, जर्नादन घुगरे आदि उपस्थिति थी. इन सभी के हाथों ग्रंथ का पूजन कर आरती की गई.

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