सांसद रामदास तडस के पत्र में वर्ष 2023 का उल्लेख
भाजपा जिलाध्यक्ष निवेदिता चौधरी ने सौंपा निधि का पत्र
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पार्षद गोपाल तिरमारे का आंदोलन हुआ समाप्त
चांदुर बाजार प्रतिनिधि/दि.१९ – चांदुर नगपालिका प्रधानमंत्री आवास योजना अंतर्गत घरकुल लाभार्थियों की विविध प्रलंबित मांगों को लेकर पार्षद गोपाल तिरमारे ने 15 मार्च से पालिका कार्यालय के समाने अन्नत्याग आंदोलन की शुरुआत की थी. इस भूखहडताल को आज भाजपा जिलाध्यक्षा निवेदिता चौधरी की मध्यस्थता तथा नायब तहसीलदार अर्जुन वांदे, थानेदार सुनील किनगे, मुख्याधिकारी पराग वानखेडे, जिप सदस्य प्रवीण तायडे, भाजपा तहसील अध्यक्ष मुरली माकोडे की उपस्थिती में पार्षद तिरमारे ने समाप्त किया. लेकिन हद तो तब हो गई, जब भाजपा ग्रामीण जिलाध्यक्ष ने जो सांसद निधीवाला पत्र सौंपा, उसमें सांसद रामदास तडस के भेजे गये पत्र में दर्शायी गयी तारीख 16 मार्च 2021 की बजाय 16 मार्च 2023 दर्शायी गयी है. यह पत्र जब सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, तब से लेेकर चर्चाओं का माहौल गरमाने लगा है. देश व राज्य के एक जिम्मेदार सांसद कि लेटरहेड में इतनी बडी गलती होने से चर्चाओं के बाजार ने तूल पकड लिया है.
यहां बता दें कि, चांदुर बाजार नगरपालिका के प्रधानमंत्री आवास योजना अंतर्गत मंजूर किए गए घरकुल के 167 लाभार्थियों को अनुदान की तीसरी किश्त उपलब्ध करवाने तथा सरकारी जगहों पर जो लोग अतिक्रमण कर रह रहे है उन अतिक्रमण धारकों की जमीन नियमानुकूल कर उनका प्रस्ताव घरकुल हेतु राजस्व विभाग को भिजवाने की मांग करने हेतु अन्नत्याग आंदोलन किया गया था. 15 मार्च से पार्षद गोपाल तिरमारे द्बारा अन्नत्याग आंदोलन किया जा रहा था. जिसे समाप्त कर दिया गया.
घरकुल के इन वंचित लाभार्थियों को केंद्र सरकार की ओर से अनुदान तत्काल मंजूर करने हेतु सांसद रामदास तडस ने संसद के सभागृह में यह मुद्दा उपस्थित किया था. जिसमें केंद्रीय राज्यमंत्री हरदीपसिंग पुरी ने निधि उपलब्ध करवायी उसके पश्चात 4 मार्च को निकाले गए शासन निर्णय अनुसार निधि उपलब्ध करवायी गई.
सांसद रामदास तडस द्बारा दिया गया. निधि का पत्र भाजपा जिलाध्यक्ष निवेदिता चौधरी ने आंदोलनकर्ता पार्षद गोपाल तिरमारे को सौंपा. निधि पत्र मिलने के पश्चात अन्नत्याग आंदोलन पार्षद तिरमारे ने समाप्त किया. मुख्याधिकारी पराग वानखडे ने पार्षद तिरमारे को निंबूपानी पिलाकर अनशन छुडवाया. इस समय पालिका गटनेता मनीष नागलिया, पार्षद विजय विलेकर, अतुल रघुवंशी, टिंकू अहीर, महादेवराव काकडे, रावसाहब घुलक्षे, सुरेश खडसे, आशीष कोरडे, निलेश देशमुख, गजानन राउत, सुमीत निंभोरकर, वैभव सीनकर, विजय मोहोड, सुरेश वानखडे उपस्थित थे.
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आंदोलन के पहले ही निधि मंजूर हो चुकी थी
अमरावती मंडल ने जब इस आंदोलन के बारे मे सत्ताधारी पक्ष से बातचीत की तो बताया गया कि यह केवल नौटंकी और श्रेय लेने की होड केे लिए किया गया. जबकि आंदोलनकर्ता को पहले से ही पता था कि 4 मार्च को शासन द्वारा तीसरे चरण के लिए 302.5 करोड रुपये मंजूर हो चुके थे. वर्धा लोकसभा खासदार रामदास तडस के गोपाल तीरमारे को दिए गए पत्र मे भी यह उल्लेख किया गया है कि, आंदोलन पिछले 15 मार्च से चल रहा है जबकि निधि उपलब्ध करवाने का फैसला 4 मार्च को ही हो चुका था.