मोर्शी प्रतिनिधि/दि.28 – ग्रामीण तथा शहरी क्षेत्रो में मनोरंजन का साधन सिनेमागृह कोरोना काल में लॉकडाउन के चलते बंद कर दिए गए थे. किंतु अब अनलॉक के चलते सिनेमागृहों को पूर्ववत अनुमति दे दी गई है. किंतु अब फिल्म के शौकिनो ने सिनेमागृहों की ओर अपनी पीठ फेर ली है. ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों मे टेलिवीजन, मोबाइल, कम्प्युटर पर ही लोग फिल्मे देख रहे है. जिससे सिनेमागृह सुने पड गए है.
एक जमाने में शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों मे सिनेमागृह एक मात्र मनोरंजन का साधन हुआ करता था. जो की कोरोना काल में पूरी तरह से खत्म हो चुका है वैसे भी जब से टेलिवीजन व मोबाइल तथा कम्प्यूटर का चलन बढा इसका असर सिनेमागृहोें पर हुआ है. लोग अपने घरों में ही टेलिवीजन व मोबाइल के माध्यम से अपने पंसदीदा फिल्मे व कार्यक्रम देख रहे है. इंटरनेट की फोजी सेवा अब देश के हर छोटे-बडे गांव तक पहुंच गई है.
मोर्शी शहर में तीन सिनेमागृह थे. जिसमें दो सिनेमागृह अस्थायी स्वरुप के थे जिन्हें टूरिंग टॉकीज कहा जाता है तथा एक सिनेमागृह स्थायी रुप से था. एक जमाने में तीनों ही सिनेमागृहों में दर्शकों की भीड लगी रहती थी. फिल्मों के शौकीन ब्लैक से टिकट लेकर फिल्मे देखा करते थे. एक जमाने में मनोरंजन का साधन शहर का सिनेमागृह हुआ करता था. किंतु अब आधुनिकता के चलते सिनेमागृह में कोई भी जाना पंसद नहीं कर रहा है. जिसकी वजह से सिनेमागृह का व्यवसाय खत्म होने की कगार पर दिखाई दे रहा है.